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मोटे अनाजों और प्राकृतिक खेती के प्रोत्साहन के लिए अभियान चलाएगी भाजपा किसान मोर्चा

भाजपा किसान मोर्चा ने घोषणा की है कि, वो मोटे अनाजों को लेकर जागरुकता फैलाएगी और उसके खपत को बढ़ावा देगी

मोहम्मद समीर
मोटे अनाजों को लेकर फैलेगी जागरुकता
मोटे अनाजों को लेकर फैलेगी जागरुकता

संयुक्त राष्ट्र ने भारत के प्रयासों से साल 2023 को अंतर्राष्ट्रीय मिलेट वर्ष (International Year of Millets- 2023) घोषित किया है. देश-दुनिया में मिलेट्स यानि मोटे अनाजों को दैनिक आहार में शामिल करने के लिए तरह-तरह के प्रयास किए जा रहे हैं. इसी बीच भारतीय जनता पार्टी (BJP) की एक विंग भाजपा किसान मोर्चा ने भी इसके लिए एक पहल की है.

भाजपा किसान मोर्चा ने घोषणा की है कि, वो मोटे अनाजों को लेकर जागरुकता फैलाएगी और उसके खपत को बढ़ावा देगी, 1 लाख गांवों में किसानों के बीच यात्रा कर प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित करेगी, इसके साथ ही पीएम किसान सम्मान निधि के लाभार्थी किसानों के साथ सम्पर्क संवाद कार्यक्रम करेगी. 

कर्नाटक के बेलगाम में सम्पन्न भाजपा किसान मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में ये फ़ैसले लिए गए. प्रेस रिलीज़ में किसान मोर्चा की ओर से कहा गया कि रसायन मुक्त खेती व प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित करने के लिए 1 लाख गांवों में नदियों के किनारे पद्यात्रा व सेमिनार का आयोजन किया जाएगा. किसान मोर्चा मोटे अनाजों की खपत को बढ़ाने, प्रोत्साहित करने के लिए जगह-जगह कार्यक्रम व सेमिनार का आयोजन करेगी.

24 फ़रवरी को पीएम सम्मान निधि योजना के 4 साल पूरे हो रहे हैं. इस मौक़े पर बीजेपी किसान मोर्चा योजना के लाभार्थी किसानों से बातचीत के लिए पीएम किसान लाभार्थी सम्पर्क- संवाद” कार्यक्रम आयोजित करेगी. मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजकुमार चाहर ने बजट की तारीफ़ करते हुए कहा कि,  कृषि बजट को 27 हज़ार करोड़ रुपये से बढ़ाकर 35 हज़ार करोड़ रुपये करना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की किसानों के प्रति संवेदनशीलता को दिखाता हैराजकुमार चाहर ने किसानों के लिए चलाई जा रही केंद्र सरकार की तमाम योजनाओं की भी जमकर प्रशंसा की.

ये भी पढ़ेंः भारत और मिलेट्सः विश्व में भाजरा मोटे अनाजों के व्यापार का बनेगा प्रमुख केंद्र!

क्या है मोटा अनाज

मिलेट्स या मोटे अनाज हमारे पारम्परिक खाद्य हैं, जो कम पानी, शुष्क भूमि और बेहद कम लागत में अच्छी उपज के साथ उगाए जा सकते हैं. इन अनाजों में ज्वार, बाजरा, रागी, कोदो, कुटकी, सावां, फिंगर मिलेट आदि शामिल हैं. पोषण से भरपूर ये अनाज खाद्य सुरक्षा की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण हैं. भारत मोटे अनाजों का प्रमुख उत्पादक है, इसके बावजूद दैनिक आहार के मामले में हमारी थाली से मोटे अनाज गायब हैं. मानव जाति के अस्तित्व में आने पर सबसे पहले जो अनाज उगाए गए वो संभवतः मोटे अनाज ही थे. ये अनाज ग्लूटेन फ़्री, बैड कोलेस्ट्रॉल मुक्त और दूसरे कई गुणों से भरपूर होते हैं, जिसे अगर हम अपनी थाली में अगर दोबारा जगह दें तो हम एक हेल्थी और रोगमुक्त जीवन बिता सकते हैं.

English Summary: BJP Kisan Morcha will campaign for millets and natural farming Published on: 06 February 2023, 04:13 PM IST

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