बीजेपी सरकार 2019 चुनाव के पहले ही लाखो किसानों को लुभाने के लिए उनका कर्ज माफ़ करने की घोषणा कर सकती है. अभी 11 दिसंबर के आये चुनावी नतीजों में बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा है. तीन बड़े राज्यों राजस्थान, मध्यप्रदेश और छतीसगढ़ में बीजेपी अपनी सत्ता कांग्रेस के हाथो में थमा बैठी है. बता दें कि बीजेपी ने इन राज्यों के किसानों को महत्व नहीं दिया जबकि कांग्रेस ने किसानों की मांगो को स्वीकार करने की बार-बार घोषणा की है.
2019 के लोकसभा चुनाव के असंतोष से बचने के लिए मोदी सरकार 4 लाख करोड़ रुपये का कृषि ऋण माफ़ कर सकती है . सूत्रों के मुताबिक देश में 26.30 करोड़ किसानों और उन पर निर्भर परिवारों का समर्थन पीएम मोदी के लिए आम चुनाव जीतने के लिए ज़रुरी है. अब मोदी सरकार जल्द ही कृषि कर्ज माफ करने की योजना पर काम करेगी.
कृषि अर्थशास्त्री अशोक गुलाटी ने बताया है की आम चुनाव का समय नजदीक है, ऐसे में बीजेपी सरकार ने अपने चार साल पूरे करने के बाद भी अभी तक किसानों की समस्याओं का निदान नहीं किया है. ऐसे में सरकार को कर्ज माफ़ी जैसे लोकप्रिय कदमों का सहारा लेना होगा.
बता दें कि 2014 लोकसभा चुनाव के बाद से ही कर्जमाफी चुनाव जीतने का अहम ज़रिया हो चुका है. इसका टेस्ट 2014 लोकसभा चुनाव के बाद सबसे पहले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान किया गया. उत्तर प्रदेश में जिस समय कांग्रेस ने राहुल के नेतृत्व में किसान यात्रा चालू की, ठीक उससे पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बाजी पलटने के लिए किसान कर्जमाफी का ऐलान कर दिया. इसका असर चुनाव नतीजों पर दिखा और यूपी में पूर्ण बहुमत वाली बीजेपी सरकार बन गई.
प्रभाकर मिश्र, कृषि जागरण
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