गुजरात का बनासकांठा जिला पिछले कुछ सालों पहले देश का सबसे पिछड़ा जिला था. जहां पानी की बहुत कमी थी. लेकिन जब से यहां पर सहकारी तौर पर डेयरी का काम प्रारंभ हुआ. तब से यह जिला पूरे एशिया (Asia) का सबसे ज्यादा दूध उत्पादन (Milk Production) करने वाला जिला बन गया. अब इस जिले में किसानों के एक समूह ने गोबर से चलने वाला सीएनजी पंप (CNG Pump) तैयार किया है. उनका कहना है कि ये देश का पहला सीएनजी पंप है जो गोबर गैस से चलता है. तो आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार रूप से….
बनास डेयरी कितने का ख़रीदती है गोबर
सीएनजी पंप के लिए बनास डेयरी किसानों से गोबर 1 रुपए/ किलो के हिसाब से खरीद रही है.
बनास डेयरी कैसे कर रही है CNG तैयार ?
बनास डेयरी वर्तमान समय में 200 घन फीट गैस तैयार कर रही है. सबसे पहले इस गोबार गैस को प्यूरिफाई (Purify) करके इससे सीएनजी (CNG) तैयार की जा रही है. फिर इस गोबर गैस प्लांट में दूसरी तरफ से अपशिष्ट गैस (Waste Gas) निकलने के बाद जो बचा तरल गोबर निकलता है उसे स्लरी (Slurry) कहते हैं . यह स्लरी खेत में जैविक खाद का काम करता है.
बनास डेरी की क्या हैं प्लानिंग
बनासकांठा जिले के 25 - 25 गांवों के बीच एक गोबर गैस प्लांट (Bio Gas Plant) लगाया जाए. सीएनजी पंप (CNG Pump) खुलने से गोबर गैस प्लांट का खर्चा अगले 4 साल में पूरा हो जाएगा.
CNG पंप के फायदे ?
इस पंप की वजह से जिले के लोगों को सीएनजी गाड़ियों के लिए ईंधन की समस्या से राहत मिली है.इसके साथ ही किसान पशुओं का गोबर बेचकर दूध के अलावा गोबर से भी अच्छी कमाई कर रहे हैं. गौरतलब है कि ये पंप पीएम नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत (Clean India) और क्लीन एनर्जी (Clean Energy) की अवधारणाओं को पूरा कर रहा है.
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