भागलपुर का मशहूर जर्दालु आम, कतरनी चावल और नवादा जिले के मगही पान को अंतर्राष्ट्रीय पहचान मिली है। बिहार के कृषि मंत्री प्रेम कुमार ने बताया कि राज्य के इन विशेष उत्पादों को ज्योग्राफिकल इंडिकेशन (जीआई) टैग मिलने से यह पहचान मिली है।
कृषि मंत्री ने बताया कि भारत सरकार द्वारा ज्योग्राफिकल इंडिकेशन जर्नल में बिहार के कतरनी धान, भागलपुरी जर्दालु तथा मगही पान को राज्य के बौद्धिक संपदा अधिकार के अंतर्गत रखा गया है।
उन्होंने कहा कि ज्योग्राफिकल इंडिकेशन जर्नल के 28 नवंबर के अंक में भागलपुर के जर्दालु आम उत्पादक संघ, मधुबन, ग्राम-महेशी, प्रखंड-सुल्तानगंज को बागवानी उत्पादन (फल) के अधीन स्वीकृति प्रदान की गयी है।
कृषि मंत्री ने बताया कि इस पत्रिका द्वारा जर्दालु आम को भागलपुर का अद्वितीय उत्पाद माना गया है, मालूम हो कि जर्दालु आम को सर्वप्रथम अली खान बहादुर द्वारा इस क्षेत्र में पहली बार लगाया गया था। विशेष सुगन्ध वाला यह आम हल्के पीले रंग का होता है।
कतरनी धान उत्पादक संघ ग्राम-जगदीशपुर, भागलपुर के आवेदन पर कतरनी धान को भी पत्रिका द्वारा पंजीकृत किया गया है। कतरनी धान अपने आकार तथा सुगंध के लिए मशहूर है। प्रेम कुमार ने बताया कि नवादा जिला के देवड़ी गांव स्थित मगही पान उत्पादक कल्याण समिति के आवेदन को भी पत्रिका ने स्वीकार कर लिया। प्रेम कुमार ने बताया कि नवादा जिले के किसानों द्वारा परंपरागत रूप से मगही पान का उत्पादन किया जाता है। नवादा के अलावा औरंगाबाद और गया के भी किसान मगही पान की खेती करते हैं। मगही पान अपनी कोमलता एवं स्वाद के लिए प्रसिद्ध है।
उन्होंने कहा कि आने वाले समय में बिहार के अन्य विशिष्ट उत्पादों जैसे शाही लीची एवं मखाना को भी इस सूची में सम्मिलित कराने के प्रयास होंगे।
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