बिहार सरकार चार नए यूनिवर्सिटी की स्थापना करने जा रही है, इस बारे में सभी तरह की तैयारियां हो गई है और संभव है कि आगामी बजट सत्र में इसका बिल बिहार विधान सभा में रखा जाए. माना जा रहा है कि चारों यूनिवर्सिटी अलग-अलग स्पेशलाइज्ड स्ट्रीम की होंगी. चारों यूनिवर्सिटी ग्रामीण क्षेत्रों के आस-पास खोली जाएगी, जिससे शहरों और दूसरे महानगरों की तरफ हो रहे पलायन को रोका जा सके.
चार अलग-अलग स्पेशलाइज्ड स्ट्रीम की खुलेंगी यूनिवर्सिटी
जानकारी के मुताबिक चार में से एक यूनिवर्सिटी विशेषकर मेडिकल की होगी, जबकि एक इंजीनियरिंग की होगी. बाकि कि दो दूसरी यूनिवर्सिटियों में एक आर्ट और कल्चर से संबंधित और दूसरी स्पोर्ट की होगी. आर्ट और कल्चर की यूनिवर्सिटी मधुबनी में कहीं ग्रामीण क्षेत्रों के आस-पास स्थापित की जा सकती है. इस यूनिवर्सिटी में विशेषकर डांस, संगीत और फाइन आर्ट्स जैसे विषयों की पढ़ाई होगी. वहीं स्पोर्टस यूनिवर्सिटी राजगीर में खोले जाने की संभावना है.
बिहार में शिक्षा का हाल बेहाल
2010 के बाद से अभी तक सभी मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेज आर्यभट्ट नॉलेज यूनिवर्सिटी के अंतर्गत आते हैं. ऐसे में नए यूनिवर्सिटियों के खुलने से वहां भार कम पड़ेगा. वर्तमान की बात करें तो बिहार में मेडिकल कॉलेजों की हालत खराब है. यहां मात्र 9 सरकारी, 6 प्राइवेट मेडिकल कॉलेज, एम्स पटना और इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस ऑटोनोमस इंस्टीट्यूट हैं.
बीएड कॉलेजों में शिक्षकों की कमी भी कर सकती है बिहार सरकार पूरी
इसी तरह इंजीनियरिंग फील्ड के शिक्षा संस्थानों की बात करें तो प्रदेश में 50 कॉलेज है, जिसमें 38 सरकारी कॉलेज हैं. माना जा रहा है कि नए यूनिवर्सिटियों के बनने के बाद सभी कॉलेजों को एकेयू से नई यूनिवर्सिटी में ट्रांसफर किया जाएगा. इसके अलावा संभावना है कि बिहार में बीएड कॉलेजों में शिक्षकों की कमी को पूरा करने से संबंधित फैसले भी हो सकते हैं.
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