कभी अपनी किसी बड़ी योजना के जरिए तो कभी अपने किसी बड़े फैसले के जरिए सरकार किसान भाइयों को सशक्त व आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कई प्रयास करती है, जिसका फायदा हमारे किसान भाइयों को बड़े पैमाने पर मिलता है. एक ऐसा ही कदम मध्य प्रदेश सरकार ने किसानों की सुविधा के लिए उठाया है.
प्रदेश सरकार की तरफ से खाद्य की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए राज्य की सभी मंडियों में मशीनें लगाने का फैसला किया गया है. यह मशीने ना केवल किसानों को सुविधा प्रदान करेगी, बल्कि खाद्य सुरक्षा व गुणवत्ता में वृद्धि करेगी. इस लेख में पढ़ें आखिर इस मशीन की क्या है विशेषताएं.
इस मशीन की विशेषता
इस मशीन की सबसे खास विशेषता यह है कि यह उपज की फोटो लेकर जींस की गुणवत्ता की जांच करती है. इसके बाद जींस के टूटे हुए, सड़े हुए टुकड़े, कचरा डंठल, मिट्टी, पत्थर आदि की अलग-अलग फोटो अपलोड होने पर इनकी मात्रा के प्रतिशत के अनुसार असेइंग (गुणवत्ता) रिपोर्ट प्रदर्शित होती है.
इस गुणवत्ता रिपोर्ट को किसान के नाम अथवा लॉट नंबर से मशीन में सुरक्षित रखकर किसान भाइयों को जरूरत के मुताबिक गुणवत्ता रिपोर्ट प्रदान की जाएगी. हालांकि, अभी मशीन का परीक्षण जारी है. अगर इसके सकारात्मक परिणाम आए तो इसे प्रदेश की अन्य मंडियों में भी स्थापित किया जाएगा.
एफसीआई भी कर रहा है काम
वहीं, भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) भी इन मशीनों को लेकर एक्टिव हो चुका है. एफसीआई भी किसानों के लिए यह सुविधा सुगम हो इस हेतू प्रयासरत है.
इस संदर्भ में जुलाई में खाद्य मंत्रालय के द्वारा भी जानकारी प्रदान की गयी थी कि अगर सब कुछ ठीक रहा तो यह मशीन सरकार द्वारा संचालित मंडियों में लगायी जाएगी. यह मशीनें किसानों सहित कृषि से जुड़े कई लोगों के लिए बेहद उपयोगी साबित होगी.
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