केंद्र सरकार ने बुधवार को कोरोनावायरस COVID-19 महामारी के खिलाफ 21 दिनों के लॉकडाउन के दौरान रियायती दर पर देशभर के 80 करोड़ गरीब लोगों के लिए राशन की घोषणा की. 27 रुपये प्रति किलोग्राम का गेहूं रियायती दर पर 2 रुपये प्रति किलोग्राम और वहीं चावल की कीमत 32 रुपये प्रति किलो है लेकिन देशभर के राशन दुकानों पर उन्हें तीन रुपये प्रति किलोग्राम की दर से उपलब्ध कराया जाएगा.
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तालाबंदी के पहले दिन कैबिनेट बैठक की. और यह सुनिश्चित किया कि 21 दिनों की लॉकडाउन अवधि के दौरान किसी को भी समस्याओं का सामना नहीं करना चाहिए, लोगों की समस्याओं को कम करने के लिए उचित कदम उठाए जाएं. पीएम ने सभी मंत्रियों को निर्देश दिया कि वे अपने संबंधित विभागों के माध्यम से लोगों की समस्याओं को हल करने के लिए काम करें. सभी मंत्रियों ने भी इस पर अपने सुझाव दिए.
गौरतलब है कि 24 मार्च को पीएम मोदी ने घातक महामारी कोरोनावायरस COVID -19 के बढ़ते ग्राफ को रोकने के लिए पूरे देश में पूर्ण तालाबंदी की घोषणा की. एक हफ्ते में दूसरी बार राष्ट्र को संबोधित करते हुए, पीएम मोदी ने कहा, "24 मार्च से 12 बजे तक पूरे देश में COVID-19 के कारण तीन सप्ताह (21 दिन) तक पूर्ण तालाबंदी रहेगी."
पीडीएस के जरिए मिलेगा अधिक राशन
बाद में एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए, केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा, “सरकार ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) के तहत 80 करोड़ लोगों को प्रति व्यक्ति 7 किलोग्राम अनाज देने का फैसला किया है.'' उन्होंने कहा कि गेहूं की कीमत 27 रुपये प्रति किलोग्राम है, जिसे दो रुपये प्रति किलोग्राम की दर से लोगों को उपलब्ध कराया जाएगा. वहीं चावल की कीमत 32 रुपये प्रति किलो है लेकिन राशन दुकानों पर उन्हें 3 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से उपलब्ध कराया जाएगा.
ग्रामीण बैंक में पूंजी डालने के प्रस्ताव को मंजूरी
इसके अलावा आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति ने क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों में 1,340 करोड़ रुपये डालने के प्रस्ताव को बुधवार को अपनी मंजूरी दे दी. इससे ग्रामीण बैंकों की पूंजीगत स्थिति बेहतर होगी. केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि कैबिनेट ने इस योजना के लिए केंद्र सरकार के हिस्से से 670 करोड़ रुपये के इस्तेमाल को मंजूरी दी है.
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