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महामना पंडित मदन मोहन मालवीय जी की बगिया कहे जाने वाले बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय (BHU) में अब महादेव की प्रिय नगरी ‘काशी’ (Kashi) के बारे में भी पढ़ाया जाएगा. बीएचयू (BHU) के इतिहास विभाग में ‘एमए इन काशी स्टडी’ नाम से इस नए कोर्स की शुरुआत होगी.
बताया जा रहा है कि आने वाले नए सत्र से छात्र शुरू हो रहे इस नए कोर्स में एडमिशन ले सकेंगे. इस कोर्स को चालू करने का फैसला BHU के इतिहास विभाग द्वारा लिया गया है.
साथ ही इस कोर्स में छात्र काशी के सभी ऐसे पहलुओं को और करीब से जान सकेंगे. इस कोर्स के अंतर्गत छात्र-छात्राओं को काशी के पुरातन इतिहास के साथ नए मॉर्डन इतिहास को भी पढ़ाया जाएगा.इतिहास विभाग की प्रोफेसर अनुराधा सिंह का कहना है कि एकेडमिक कॉउंसिल से पास होने के बाद ऐसी सम्भावना है कि अगले साल यानी 2023 से इस कोर्स में छात्र एडमिशन ले सकेंगे.
शिक्षा के क्षेत्र में यह एक बड़ा ही ऐतिहासिक फैसला है. जो हमारी शिक्षा व्यवस्था को बदल सकता है. अगर इसके परिणाम की बात की जाये तो यह हमे लम्बे समय के बाद देखने को मिलेगा. इससे जुड़े एक और पहलू के बारे में बात की जा सकती है. वो है.
काशी का इतिहास जो कि बहुत पुराना और समृद्ध है. अगर इतिहास के बार में कुछ और तथ्य हमारे सामने निकल के आते हैं तो इस कोर्स को शुरू करने से जो उम्मीदें हैं वो पूरी हो सकती हैं.
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20 सब्जेक्ट पढ़ाये जायेंगे
BHU के इतिहास विभाग की प्रोफेसर अनुराधा सिंह ने बताया कि 2 साल के इस कोर्स में 20 सब्जेक्ट होंगे. साथ ही छात्रों को इस कोर्स के तहत रिसर्च का काम भी कराया जायेगा.इसमें छात्रों को काशी के धार्मिक,ऐतिहासिक महत्व के साथ यहां की संस्कृति,कला परम्पराएं, मंदिर और काशी से जुड़े तमाम चीजों को पढ़ाया जाएगा.
विदेशी छात्र भी पढ़ सकेंगे
इतिहास विभाग के द्वारा दी गयी जानकरी के अनुसार पीजी स्तर (PG Course) के इस नए कोर्स में लगभग 50 सीटें होंगी.फीस स्ट्रक्टर भी दूसरे पीजी कोर्स जैसा ही होगा.इसके अलावा इस खास कोर्स में विदेशी छात्र भी एडमिशन ले पाएंगे.
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