KJ Chaupal: आज कृषि जागरण की केजे चौपाल में रहे गुजरात के राजकोट के मूल निवासी भरतभाई परसाना ने शिरकत की. इस दौरान उन्होंने कहा कि वह पिछले 20 सालों से किसानों के लिए क्या काम कर रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि किसानों की आय बढ़ाने और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपनों को पूरा करने के लिए वह दिन रात मेहनत कर रहे हैं.
बता दें कि भरतभाई परसाना ने पिछले 20 वर्षों से अपना 2500 करोड़ का कारोबार अपने बेटों और भतीजों को सौंपा हुआ है और अब वह किसानों की मदद के लिए हमेशा उनके साथ खड़े हैं.
जैविक खेती के बढ़ रही किसानों की आय
केजे चौपाल में भरतभाई ने कहा कि जब भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हमारे गौरवशाली प्रदेश के मुख्यमंत्री थे. तब उनका एक सपना था कि एक दिन पूरे गुजरात के किसान जैविक खेती करके देश और दुनिया के लोगों के सामने एक उदाहरण बनेंगे और उन्हें बताएंगे कि कैसे जैविक खेती से फसलों का अधिक उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है. जैविक खेती के माध्यम से किसान अपनी आय में भी बढ़ोत्तरी कर सकते हैं.
आगे उन्होंने कहा कि रासायनिक खेती की तुलना में घरेलू खेती को दोगुना किया जा सकता है. साथ ही खुद को और देश के लोगों को कैंसर से कैसे बचाया जा सकता है क्योंकि एक रिसर्च पर नजर डालें तो देश में कैंसर के मरीजों की संख्या बढ़ने का कारण हमारा खान-पान है जिसका मुख्य कारण उगाई जाने वाली सब्जियों और अनाजों में रासायनिक उर्वरकों का उपयोग है.
राजकोट के बड़े उद्योगपति भरतभाई परसाना ने एक किसान नेता के साथ मिलकर जैविक खाद तैयार की. ताकि किसानों को उनकी फसलों का अधिक उत्पादन मिल सके और वे पीएम मोदी के सपने को पूरा कर सकें और गुजरात को देश का पहला जैविक खेती वाला राज्य बना सकें.
मेरे प्रयोग से फसल को नुकसान पहुंचने पर देंगे 1 करोड़ रुपये
गुजरात के उद्यमी भारभाई ने कहा कि उनके द्वारा तैयार मेरे प्रयोग से आज गुजरात के लगभग 7 लाख से ज्यादा किसान रासायनिक खेती से जैविक खेती की ओर रुख कर चुके हैं और फसलों का भरपूर उत्पादन होने के साथ-साथ उनकी आय में भी बढ़ोत्तरी दर्ज की जा रही है. उन्होंने कहा कि हमने एक किसान को चुनौती दी है कि अगर हमारे द्वारा बनाए गए उर्वरक से उसकी फसल खराब हो जाती है तो वह 1 करोड़ रुपये का भुगतान करेगा. लेकिन अभी तक फसलों खराब होने का कोई केस सामने नहीं आया है.
भरतभाई ने बनाई जैविक उर्वरक
केजे चौपाल में भरतभाई ने बताया कि उन्होंने कैसे जैविक उर्वरक को तैयार किया है और उसे बनाने के लिए उन्होंने कितनी मेहनत की है.
जीवामृत: 150 लीटर पानी में 20 किलो गोबर, 5 से 10 लीटर गोमूत्र, 1 किलो गुड़ और दो लीटर छाय मिलाएं. इसके बाद हर 15 दिन में किसी भी फसल पर पानी छिड़कें.
धनजीवामृत: एक किलो देशी गाय का गोबर, 5 से 10 लीटर गोमूत्र, 1 किलो गुड़ और 2 लीटर छाया मिलाकर आराम के लिए रख लें. उसके बाद आपकी एक एकड़ जमीन के लिए जैविक खाद तैयार हो जाएगी.
कीड़ों के लिए: एक किलो हींग का टुकड़ा लें और इसे 5 लीटर पानी में 24 घंटे के लिए भिगो दें. इसके बाद इसमें 100 से 250 मिलीलीटर दूध और 200 ग्राम गुड़ मिलाकर खेत में छिड़क दें. जानवर आपके खेत की तरफ देखेंगे भी नहीं.
किसी भी फसल के लिए जैविक खाद: मूंगफली, चना, तुवैर, सब्जी की फसल में जब फूल आ जाए तब आपको 250 मिलीलीटर दूध, 200 ग्राम गुड़ और 250 मिलीलीटर गोमूत्र मिलाकर हर 15 दिन में 3 बार छिड़काव करना चाहिए. यदि खेत में अमरूद और चीकू का पौधा लगा है तो 1000 लीटर की टंकी में 25 लीटर दूध, 20 किलो गुड़ और 10 लीटर गौमूत्र मिलाकर हर 15 दिन में 3 बार छिड़कें.
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