भाकृअनुप-भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली में पूसा कृषि इन्क्यूबेटर क्षेत्रीय प्रौद्योगिकी प्रबंधन और व्यापार संवर्धन विकास इकाई (जेडटीएम & बीपीडी), भाकृअनुप-भाकृअनुस द्वारा प्रौद्योगिकी नवाचार दिवस कार्यक्रम का उद्घाटन किया गया. डॉ. त्रिलोचन महापात्र, महानिदेशक (भा.कृ.अनु.प.) एवं सचिव (कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा विभाग) ने बतौर मुख्य अतिथि बीज प्रजनक कंपनी, इन्क्यूबेटर, इन्क्यूबेटी, युवा उद्यमियों और स्टार्टअप्स को उनके कार्यों और उनकी उपलब्धियों के लिए सराहा.
महानिदेशक ने प्रधानमंत्री के स्टार्टअप्स कार्यक्रम के बारे में बताते हुए रोजगार पाने के बजाए रोजगार प्रदाता बनने का आग्रह किया. उन्होंने रफ्तार कार्यक्रम के तहत खोले गए इन्क्यूबेशन केंद्र के बारे में भी जानकारी दी. उन्होंने बताया कि प्रौद्योगिकी ज्ञान, कौशल प्रशिक्षण के साथ-साथ आर्थिक सहयोग और सक्षम बनाने की दिशा में उपजा योजना एक बड़ा कदम है. डॉ. महापात्र ने हरित क्रांति से लेकर दलहन क्रांति तक के सफर में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद और पूसा संस्थान की कार्य-पद्धति और उपलब्धियों का हवाला दिया. उन्होंने किसान उत्पादक संगठन बनाने, बाजार से जुड़ने, प्रसंस्करण, ब्रांडिंग, नवाचार और मूल्य-वर्द्धन के साथ-साथ किसानों के संबंध में वित्तीय प्रबंधन करने पर ज़ोर दिया.
डॉ. ए. के. सिंह, उप महानिदेशक (कृषि विस्तार) और निदेशक (भाकृअनुप-भाकृअनुस) ने अपने स्वागत संबोधन में कार्यक्रम की रूपरेखा के बारे में बताया. उन्होंने क्षेत्रीय प्रौद्योगिकी प्रबंधन और व्यापार संवर्धन विकास इकाई की कार्य-शैली और उसकी उपलब्धियों के बारे में बताते हुए उसकी सराहना की. डॉ. सिंह ने कहा कि किसी भी किस्म या बासमती के अन्य क़िस्मों के प्रचलित होने या किसानों तक उनके प्रसार में क्षेत्रीय प्रौद्योगिकी प्रबंधन और व्यापार संवर्धन विकास इकाई की अहम भूमिका है.
डॉ. नीरू भूषण, प्रभारी, जेडटीएम & बीपीडी, भाकृअनुप-भाकृअनुस ने आँकड़ों और तथ्यों के साथ कार्यक्रम के बारे में विस्तार से बताया. डॉ. राजबीर, प्रधान वैज्ञानिक, आनुवंशिकी संभाग, भाकृअनुप-भाकृअनुस ने एचडी 3226 (पूसा यशस्वी) के बारे में विस्तृत चर्चा की और उसके फायदे बताए. इस मौके पर 35 बीज प्रजनक कंपनी को एचडी 3226 (पूसा यशस्वी) किस्म के लिए अनुज्ञापत्र दिया गया और साथ में, उपजा योजना के तहत 18 स्टार्टअप्स के आर्थिक सहायता के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर भी किया गया. इसी क्रम में बीज कार्यक्रम को भी लॉन्च किया गया.
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