
शा.आदर्श मा.वि. फरसगांव के विशाल प्रांगण में “मेरा लक्ष्य, मेरा अभिमान” कार्यक्रम के अंतर्गत हजारों लोगों की मौजूदगी में बस्तर अंचल के कई प्रतिभाशाली विभूतियों को “बस्तर गौरव सम्मान” प्रदान किया गया. इस आयोजन में लगभग 10,000 लोगों की ऐतिहासिक उपस्थिति रही, जिनमें 5,000 से अधिक युवा और बड़ी संख्या में महिलाएं शामिल थीं.
मुख्य अतिथि गजेंद्र यादव (मंत्री, स्कूल शिक्षा, छ.ग. शासन) बनाये गए थे, जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता विधायक नीलकंठ टेकाम ने की. टेकाम पहले कोंडागांव के लोकप्रिय कलेक्टर रहे हैं, जिन्होंने आईएएस की नौकरी छोड़कर जन सेवा को जीवन का ध्येय बनाया. जनता की भलाई के लिए उनके सतत प्रयास, निष्पक्ष छवि और कार्यकुशलता के कारण ही जनता ने उन्हें विधानसभा तक पहुँचाया. उनके कार्यशैली में संवेदनशीलता और कर्मठता का ऐसा संगम है जिसने उन्हें आमजन का सच्चा भरोसा दिलाया है.
विशिष्ट अतिथियों में भोजराज नाग सांसद कांकेर, महेश कश्यप सांसद बस्तर, केदार कश्यप कैबिनेट मंत्री छग शासन, लता उसेंडी वरिष्ठ विधायक कोण्डागांव, किरण सिंह देव विधायक जगदलपुर व प्रदेश अध्यक्ष भाजपा छत्तीसगढ़, विक्रम देव उसेंडी विधायक अंतागढ, आशाराम नेताम विधायक कांकेर, विनायक गोयल विधायक चित्रकोट, चैतराम अटामी विधायक दंतेवाड़ा, सावित्री मंडावी विधायक भानुप्रतापपुर लखेश्वर बघेल विधायक बस्तर, विक्रम मंडावी विधायक बीजापुर, रीता शोरी जिला पंचायत अध्यक्ष कोण्डागांव सहित अनेक जनप्रतिनिधि, अधिकारी और सामाजिक कार्यकर्ता उपस्थित रहे.
इस अवसर पर बस्तर के जिन विभूतियों को सम्मानित किया गया उनमें प्रमुख हैं, डॉ. राजाराम त्रिपाठी जो कि जैविक खेती व औषधीय वनस्पतियों के संरक्षण में अग्रणी रहे व सफेद मूसली, स्टीविया और काली मिर्च की उन्नत प्रजाति विकसित कर पूरे देश को नई दिशा देने वाले तथा आदिवासी समाज के उत्थान हेतु समर्पित हैं.

डॉ राजाराम त्रिपाठी के अलावा पद्मश्री अजय मण्डावी काष्ठ शिल्प, कमलोचन कश्यप आईपीएस (डीआईजी पुलिस), महादेव कावरे आईएएस (कमिश्नर रायपुर), नम्रता जैन सहायक कलेक्टर, तीजू राम बघेल लौहकला (राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त), खिलेश्वर जैन प्रमुख समाजसेवी, नैना सिंह धाकड प्रसिद्ध पर्वतारोही संतोष जायसवाल ब्यवसायी, सुब्रत शाहा अभा पूर्व सैनिक सेवा परिषद बस्तर संभाग तथा सीजी मास्टर टीम कलाक्षेत्र.

विशाल सभा को संबोधित करते हुए कार्यक्रम के प्रमुख सूत्रधार विधायक नीलकंठ टेकाम ने कहा, “डॉ. राजाराम त्रिपाठी ने अपने अदम्य परिश्रम से न केवल बस्तर बल्कि पूरे देश को गौरवान्वित किया है. प्राकृतिक खेती और लुप्त हो रही जड़ी-बूटियों को पुनर्जीवित करने का उनका कार्य ऐतिहासिक है. सफेद मूसली, स्टीविया और विशेषकर काली मिर्च की उन्नत प्रजाति ने हजारों किसानों की जिंदगी बदली है. आदिवासी समाज के उत्थान में उनका योगदान अमूल्य है. ऐसे व्यक्तित्व वास्तव में धरती के सच्चे सपूत हैं.”
सम्मान ग्रहण करते हुए डॉ. राजाराम त्रिपाठी ने कहा, “देश-विदेश में कई पुरस्कार तथा सम्मान प्राप्त हुए, लेकिन अपनी धरती, अपनी माटी और अपने लोगों से मिला यह ‘बस्तर गौरव सम्मान’ मेरे जीवन का सबसे बड़ा सम्मान है. इसे मैं बस्तर की माटी, अपने आदिवासी भाइयों-बहनों, अपने सभी परिजनों और माँ दंतेश्वरी हर्बल समूह के अपने प्रत्येक साथी को समर्पित करता हूँ. सच्चा सम्मान वही है जो हमें और अधिक समर्पण और ऊर्जा के साथ समाज सेवा के लिए प्रेरित करे.”
इस अवसर पर केदार कश्यप ने भी कार्यक्रम की तारीफ करते हुए अपने ओजस्वी तथा भावपूर्ण भाषण में बस्तर के युवाओं को कुछ सार्थक कर दिखाने हेतु प्रेरित किया तथा छात्र-छात्राओं के साथ फोटो भी खिंचवाई. कांकेर के युवा विधायक आसाराम नेताम ने आपके भाषण से युवाओं में उत्साह की लहर दौड़ा दी. खिलेश्वर जैन जी ने देश की आजादी तथा समाज की उन्नति के मूल आधारों पर विस्तार से प्रकाश डाला.
नैना धाकड़ ने सभी छात्रों को विशेष कर छात्राओं को प्रेरित करते हुए अपनी अदभुत संघर्ष यात्रा की गाथा सुनाई. सीजी मास्टर के प्रस्तुत कर्ता ने बेहतरीन अंदाज से कार्यक्रम को आगे बढ़ते हुए अपने अनुभव के खजाने से सभी युवाओं को लाभान्वित किया तथा प्रेरित भी किया.. कार्यक्रम का एक और प्रमुख आकर्षण स्थानीय छात्र-छात्राओं द्वारा प्रस्तुत किया गया 'रक्तबीज नृत्य नाटिका' तथा नशामुक्ति पर केंद्रित सांस्कृतिक कार्यक्रम रहा.
कार्यक्रम का सफल संचालन विप्लव डे तथा डॉ मधु तिवारी के द्वारा किया गया. इस अवसर पर पूरा माहौल बस्तर की संस्कृति, सम्मान और गौरव का अनूठा उत्सव बन गया, जिसे कार्यक्रम में शामिल लोग तथा बस्तर लंबे समय तक याद रखेगा.
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