दिवाली से ठीक पहले छत्तीसगढ़ सरकार ने एक अहम फैसला लेते हुए स्टीकर लगे फल-सब्जियों को बेचने पर पाबंदी लगा दी है. इस बारे में प्रदेश के खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग ने कहा है कि विक्रेताओं को स्टीकर लगे फलों को बेचने की पाबंदी है, वहीं आम नागरिकों को भी हिदायत है कि वो स्टीकर लगे खाद्य पदार्थों का बहिष्कार करें.
गौरतलब है कि त्यौहारी मौसम होने के कारण प्रदेश सरकार लोगों के स्वास्थ को लेकर गंभीर है. यही कारण है कि विक्रेताओं को सख्त तौर पर असुरक्षित खाद्य चीजों को इकट्ठा करने, उसे बांटने या बेचने की मनाही है. इस बारे में विभाग ने कहा कि अगर किसी ने भी खाद्य सुरक्षा कानूनों का उल्लंघन किया तो उस पर कानून कार्रवाई की जाएगी.
जानकारी के मुताबिक खाद्य विभाग ने कहा है कि सेब, आम, संतरा, अमरूद, केला आदि फलों पर किसी तरह की ब्रांड, लेबल या स्टीकर नहीं लगेंगें. अगर ऐसा करते किसी को पाया गया तो खाद्य सुरक्षा कानून के अंतर्गत उस पर कार्रवाई की जायेगी.
सेहत के लिये हानिकारक होते हैं फलों पर लगे स्टीकरः
बता दें कि फलों पर लगे स्टीकर सेहत के लिये हानिकरक होते हैं और इनमे पाया जाने वाला गोंद कई तरह के केमिकल्स से भरा होता है. विभाग ने बताया कि कई तरह के शोध में ये बात सामने आयी है कि फलों पर लगाये गये स्टीकर लोगों को बीमार कर रहे हैं.
इसलिये होता है फलों पर स्टीकर का उपयोगः
आमतौर पर फलों पर स्टीकर लगाने के कोई विशेष लाभ नहीं होते हैं. सत्य तो ये है कि फल विक्रेता स्टीकर का इस्तेमाल उत्पाद को विशेष या आकर्षक दिखाने के लिये करते हैं. फलों को प्रीमियम लुक देने के लिये भी स्टीकर का उपयोग किया जाता है.
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