फरवरी महीने में सरकार ने अपना अंतरिम बजट पेश किया. बजट में किसानों को पेंशन देने के लिए सरकार ने किसान सम्मान निधि योजना शुरू की. योजना के तहत 2 एकड़ से कम जोत वाले किसानों को साल में 6000 रूपये की पेंशन देने का प्रावधान रखा गया. योजना की शुरूआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 फरवरी को गोरखपुर जिले से की. लेकिन अब अधिकारयों ने पेंशन फार्म लेने पर रोक लगा दी है. इसको बंद करने के पीछे आचार संहिता का हवाला दिया जा रहा है. इसके विपरीत असंगठित क्षेत्र के कामगारों के लिए श्रमयोगी पेंशन योजना के फार्म भरे जा रहे हैं. इन दोनों ही योजनाओं की घोषणा बजट में की गई थी.
गौरतलब है कि किसान सम्मान निधि योजना के फार्म जमा न करने का कोई आधिकारिक आदेश नहीं आया है. लेकिन अधिकारी आचार संहिता का हवाला देकर फार्म लेने से मना कर रहे हैं. जिस वजह से किसान परेशान हो रहे हैं. अब किसानों ने इसके प्रति रोष व्यक्त किया है. जो अधिकारी फार्म नहीं ले रहे हैं उन सभी अधिकारियों के नाम और पते किसानों ने नोट करने शुरू कर दिए है.
हरियाणा के फतेहाबाद जिले में सम्मान निधि योजना के तहत 68 हजार फार्म भरे गए हैं. जिसमे से 30 हजार से ज्यादा किसानों को पहली किस्त मिल चुकी है. विभाग के अनुसार जिले के 42 हजार किसानों ने अभी भी योजना के तहत आवेदन नहीं किया है जो इस योजना के पात्र हैं अब इन्हें आवेदन करने के लिए 23 मई तक इंतजार करना पड़ेगा.
श्रमयोगी पेंशन योजना के तहत फार्म भरे जा रहे है, कॉमन सर्विस सेंटर(सीएससी) पर जाकर असंगठित क्षेत्र में काम रहे व्यक्ति जो 40 वर्ष से कम आयु के हैं, वह इस फार्म को भर सकते है. फार्म भरने के बाद प्रदेश की सरकार उसका 550 रुपये तक का प्रीमियम भुगतान करेगी. इससे अधिक भी कोई कामगार खुद अपना प्रीमियम भर सकता है. इसके तहत जिले के 25 हजार से अधिक लोग इस योजना के तहत अपना पंजीकरण करवा चुके हैं.
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