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चाय को लेकर ट्रेन में छिड़ गई यात्री व रेलवे कर्मचारी के बीच बहस, जानें आखिर क्या है हलाल सर्टिफिकेशन

ट्रेन में चाय को लेकर यात्री और रेलवे कर्मचारी के बीच बहस छिड़ गई. तो आइये जानें आखिर क्या है हलाल सर्टिफिकेशन.

मुकुल कुमार
हलाल सर्टिफिकेशन के बारे में जानें सबकुछ
हलाल सर्टिफिकेशन के बारे में जानें सबकुछ

फ्लाइट या ट्रेन में स्टाफ और यात्रियों के बीच तीखी नोकझोंक अक्सर वायरल होती रहती है. हाल ही में, भारतीय रेलवे के एक अधिकारी और एक यात्री के बीच हलाल-सर्टिफाइड चाय परोसे जाने को लेकर जमकर बहस हुई. बाद में सोशल मीडिया पर भी इसका वीडियो भी वायरल हो गया. वीडियो में यात्री को रेलवे कर्मचारियों से सवाल करते हुए देखा जा सकता है. वह कर्मचारी से पूछ रहे हैं कि हलाल-सर्टिफाइड चाय क्या है? इसे सावन के महीने में क्यों परोसा जा रहा है? हालांकि कर्मचारी बार बार यही कह रहे कि चाय शाकाहारी है.

यात्री का सवाल

वीडियो में एक यात्री ट्रेन में चाय परोसने के दौरान अधिकारी से पूछ रहे हैं, 'सावन का महीना चल रहा है. और आप हमें हलाल सर्टिफाइड चाय पिला रहे हैं? इसके बाद बैग की जांच करते हुए अधिकारी से यात्री ने यह भी पूछा, 'वह क्या है? आप समझाएं कि हलाल-सर्टिफाइड क्या है? हमें यह पता होना चाहिए. हम आईएसआई प्रमाणपत्र जानते हैं, आप बताएं कि हलाल प्रमाणपत्र क्या है?'

रेलवे अधिकारी का जवाब

वीडियो में इसपर जवाब देते हुए अधिकारी ने कहा कि यह मसाला चाय प्रीमिक्स है. यह 100 प्रतिशत शाकाहारी है.' इसके बाद यात्री ने पूछा 'लेकिन हलाल प्रमाणित क्या है? मुझे इसके बाद पूजा करनी होगी.' इसपर रेलवे कर्मचारी ने कहा, 'क्या आप वीडियो बना रहे हैं? यह 100 प्रतिशत शाकाहारी है. चाय वेज ही होती है सर.' सोशल मीडिया पर वीडियो अपलोड होने के बाद कई लोगों ने रेलवे पर सवाल उठाए. 

रेलवे का स्पष्टीकरण

इस बीच, भारतीय रेलवे की तरफ से एक स्पष्टीकरण जारी किया गया है. जिसमें कहा गया कि ट्रेनों में परोसी जाने वाली चाय में इस्तेमाल होने वाले उत्पाद पूरी तरह से शाकाहारी और अंतरराष्ट्रीय मानकों के अंतर्गत हैं. रेलवे ने कहा कि उल्लेखित ब्रांड प्रीमिक्स चाय में अनिवार्य एफएसएसएआई प्रमाणीकरण है. उत्पाद अनिवार्य 'ग्रीन डॉट' सिंबल के साथ 100 प्रतिशत शाकाहारी है. सभी उत्पादों में लैब रिपोर्ट है, जो 100 प्रतिशत शाकाहारी होने का संकेत देती है. रेलवे ने बताया कि इस उत्पाद को अन्य देशों में भी निर्यात किया जाता है जहां इस तरह के प्रमाणीकरण की आवश्यकता होती है.

इस समय लाया गया था हलाल सर्टिफिकेशन

हलाल सर्टिफिकेशन को सबसे पहले 1974 में सामने लाया गया था. इस सर्टिफिकेशन को तब मांस के लिए उपयोग किया गया था. 1993 तक इसे केवल मांस उत्पादों के लिए इस्तेमाल किया जाता था. लेकिन बाद में इसे अन्य खाद्य पदार्थों और सौंदर्य प्रसाधनों, दवाओं आदि तक में उपयोग किया जाने लगा. अरबी के अनुसार, हलाल का अर्थ है स्वीकार्य. वहीं, हलाल-प्रमाणित का मतलब इस्लामी कानून का पालन करते हुए तैयार किए गए भोजन से है. यह एक ऐसे जानवर के मांस के बारे में बताता है जिसे गले, अन्नप्रणाली और गले की नसों के माध्यम से मारा गया है.

बता दें कि साल 2022 में सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर हलाल सर्टिफिकेशन पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने की मांग की गई थी. दायर याचिका में कहा गया कि केवल 15 फीसदी पॉपुलेशन की वजह से 85 फीसदी नागरिकों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन किया जा रहा है.

English Summary: Argument between passenger and railway employee over tea, know what is Halala certification Published on: 23 July 2023, 12:07 PM IST

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