अनुराग त्रिपाठी पिछले कई वर्षों से देश-विदेश से फार्म भ्रमण पर आने वाले प्रगतिशील किसानों, कृषि वैज्ञानिकों, युवा उद्यमियों और प्रशिक्षणार्थियों को जैविक खेती, प्राकृतिक खाद निर्माण, बीज-संवर्धन, हर्बल दवाइयों के निर्माण तथा कृषि-आधारित उद्यमिता पर पूर्णत: निशुल्क प्रशिक्षण देते रहे हैं. अब तक उनके द्वारा देशभर के लाखों किसानों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है, जिससे बस्तर सहित पूरे भारत में जैविक खेती का एक मजबूत आधार विकसित हुआ है.
सम्मान समारोह में यह अलंकरण छत्तीसगढ़ पाठ्यपुस्तक निगम के अध्यक्ष (कैबिनेट दर्जा) श्री शशांक शर्मा, समता साहित्य अकादमी के प्रांताध्यक्ष श्री जी. आर. बंजारे ‘ज्वाला’, तथा उपस्थित वरिष्ठ गणमान्य नागरिकों ने प्रदान किया. कार्यक्रम में उनकी प्रतिबद्धता, कृषि नवाचारों और किसान-केंद्रित कार्यशैली की सराहना की गई.
समता साहित्य अकादमी द्वारा यह अवार्ड उन व्यक्तियों को प्रदान किया जाता है जो शैक्षणिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और लोक-शिक्षण के क्षेत्र में उत्कृष्ट और दीर्घकालिक योगदान देते हैं. अनुराग त्रिपाठी का चयन, जैविक कृषि आंदोलन को जन–जन तक पहुंचाने में उनकी निरंतर निस्वार्थ सेवाओं के लिए किया गया.
गौरतलब है कि अनुराग त्रिपाठी के नेतृत्व में मां दंतेश्वरी हर्बल फार्म एवं रिसर्च सेंटर बस्तर आज देशभर में जैविक कृषि प्रशिक्षण का एक मॉडल केंद्र माना जाता है. यहां प्रतिवर्ष हजारों किसान नई तकनीकों, उच्च उपज वाले औषधीय पौधों, मिट्टी सुधार मॉडलों और रसायनमुक्त कृषि पद्धतियों का प्रशिक्षण प्राप्त करते हैं.
इस सम्मान से बस्तर, छत्तीसगढ़ और मां दंतेश्वरी हर्बल समूह के सदस्यों तथा अंचल के किसानों में अत्यंत हर्ष और गर्व की भावना है.
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