जनजातीय मामलों के मंत्रालय के अधीन सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम ट्राईफेड जनजातीय कला और शिल्प को प्रोत्साहन देता है तथा देश के जनजातीय शिल्पकारों के कल्याण का काम करता है। इस दिशा में ट्राईफेड ने जनजातीय उत्पादों की बिक्री बढ़ाने की योजना तैयार की है, जिसके तहत कई कदम उठाए जा रहे हैं। ट्राईफेड हस्तनिर्मित उत्पादों को बेचने के लिए आउटलेट खोलने की दिशा में काम कर रहा है। इसके तहत ‘ट्राइब्स-इंडिया’ नामक आउटलेट खोला गया है। यह आउटलेट अप्रैल, 1999 को खोला गया था। इसी तरह देशभर में 42 खुदरा आउटलेट खोले गए हैं जिसमें से 29 ट्राईफेड के अपने हैं और 13 आउटलेट राजस्तरीय संगठनों के सहयोग से चलाए जा रहे हैं। इन आउटलेटों में जनजातीय धातु-शिल्प, कपड़े, जनजातीय आभूषण, जनजातीय चित्रकारी, बेंत और बांस के उत्पाद, टेराकोटा और पत्थर के बर्तन, जैविक और प्राकृतिक खाद्य एवं कृषि उत्पाद उपलब्ध हैं।
बाजार तक पहुंच बढ़ाने के लिए ट्राईफेड ने नए कदम उठाए हैं। इनमें फ्रेंचाइजी आउटलेट, ‘युवा उद्यमी विकास कार्यक्रम’ के जरिये बिक्री को प्रोत्साहन दिया जाएगा। इसी के साथ ई-कॉमर्स के जरिए भी यह उत्पाद बेचे जायेंगे| इन उत्पादों की बिक्री को नया उद्देश्य देने के लिए यह सब कदम उठाये गए है| इससे ट्राइबल क्षेत्र में रहने वालों को फायदा मिलेगा|
- इमरान खान
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