कृषि विज्ञान केंद्र, उजवा, नई दिल्ली द्वारा दिनांक 11 अक्टूबर, 2018 के उत्तरी जिला दिल्ली के तिगीपुर गांव में भारत सरकार की मशीनों द्वारा फसल अवशेष प्रबंधन योजना के अंतर्गर किसान-वैज्ञानिक संवाद का आयोजन किया गया. जिसमें अश्विनी कुमार संयुक्त सचिव (मशीन व उपकरण), कृषि सहकारिता व किसान कल्याण विभाग, भारत सरकार मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे.
इस अवसर पर मुख्य अतिथि ने भारत सरकार की मशीनों द्वारा पराली पराली प्रंबधन, पराली जलाने से होने वाले दुषप्रभाव भूमी को होने वाले नुकसान के बारे में किसानों को बताया एवं दिल्ली, पंजाब, हरियाणा व उत्तर प्रदेश में मशीनों के अनुदान के बारे में किसानों को अवगत कराया. वहीं चर्चा के दौरान किसानों द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने यह कहा कि दिल्ली सरकार के माध्यम से किसानों को फसल अवशेष प्रबंधन हेतु मशीनों पर अनुदानव मशीनें जल्द उपलब्ध होगी व भारत सरकार के द्वारा किसानों के लिए चलाई जा रही अन्य योजनाओं की भी जानकारी दी.
इस कार्यक्रम में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के सहायक उप- महानिदेशक डॉ. रणधीर सिंह ने इस योजना के उद्देश्य व महत्व को बताते हुए उन्होंने फसल अवशेष को न जलाने की अपील की साथ ही उन्होंने बताया की इसे भूमी में मिलाने से लाभ होगा. उसी क्रम में भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, पूसा, नई दिल्ली के कृषि अभियंत्रिकी के विभागध्याक्ष डॉ. इन्द्रमणी ने बताया की फसल अवशेष प्रबंधन के लिए विकसित की गईं मशीनों तथा उसके कार्य करने के तरीके, मशीनों को कृषि में अपनाकर अपनी कार्यक्षमता को बढ़ाकर अपने कार्य को सरल एवं सुगम बनाएं ताकि अच्छी आय प्रप्त कर सकें. पंजाब कृषि विश्वविद्यालय, लुधियाना, पंजाब से आये कृषि इंजिनियर डॉ. अपूर्व प्रकाश ने हैप्पी सीडर, प्लाऊ, जीरो-सीड कम फर्टी ड्रील, मल्चर व सर्ब मास्टर की कृषि अवस्था को ध्यान में रखकर इस्तेमाल, कार्य करने के तरीके, बरती जाने वाली सावधानियों की विस्तृत जानकारी दी.
साथ ही उन्होंने बताया की धान कटाई कम्बाइन द्वारा करने के बाद गेहूं की बुवाई हैप्पी सीडर व अन्य मशीनों का इस्तेमाल आदि तकनिकी जानकारी साझा किया. कार्यक्रम में तिगीपुर के प्रगतिशील नवयुवक किसान कुणाल गहलोत ने दिल्ली राज्य में किसानों को योजनाओं, सुविधाओं, अनुदान व कृषि यंत्रों के अनुदान के लिए मुख्य अतिथि के पास अपने विचार रखें एवं कृषि संबंधित समस्याओं के बारे में ज्ञापन-पत्र दिया.
इस अवसर पर मुख्य अतिथि ने भारत सरकार की मशीनों द्वारा पराली पराली प्रंबधन, पराली जलाने से होने वाले दुषप्रभाव भूमी को होने वाले नुकसान के बारे में किसानों को बताया एवं दिल्ली, पंजाब, हरियाणा व उत्तर प्रदेश में मशीनों के अनुदान के बारे में किसानों को अवगत कराया. वहीं चर्चा के दौरान किसानों द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने यह कहा कि दिल्ली सरकार के माध्यम से किसानों को फसल अवशेष प्रबंधन हेतु मशीनों पर अनुदानव मशीनें जल्द उपलब्ध होगी व भारत सरकार के द्वारा किसानों के लिए चलाई जा रही अन्य योजनाओं की भी जानकारी दी.
प्रदर्शनी का आयोजन (organizing an exhibition)
कृषि विज्ञान केंद्र उजवा द्वारा भारत सरकार की पहल से फसल अवशेष प्रबंधन हेतु प्राप्त मशीनें हैप्पी सीडर, मल्चर, ऍम.बी. प्लाऊ, जीरो सीड कम-फर्टी ड्रिल एवं सर्ब मास्टर आदि मशीनों की प्रदर्शनी लगाते हुए किसानों को तकनिकी जानकारी दी.
अन्य प्रदर्शनी का आयोजन (Organizing other exhibitions)
इस कार्यक्रम में के.वी.के उजवा के सफल उद्यमियों के साथ, शौर्य ऊर्जा इकाई का प्रदर्शन छत पर बागवानी, केंचुवा खाद उत्पादन ,शहद उत्पादन, मसरूम उत्पादन, बाजरा बिस्कुट, क्लीन एनर्जी एक्सेस नेटवर्क आदि की प्रदर्शनी लगाई गई.
कार्यक्रम में कृषि विज्ञान केंद्र, उजवा, नई दिल्ली, के कार्यक्रम समन्यवक डॉ.पी.के गुप्ता ने सभी किसानों को धन्यवाद देते हुए यह बताया कि इस कार्यक्रम का जो उद्देश्य है उसे के.वी.के व किसान मिलजुलकर पूरा करें, साथ ही उन्होंने किसानों द्वारा पूछे सवालों मिट्टी, पानी की जांच, फसल की जांच, कृषि की अन्य तकनिकों को के.वी.के द्वारा करने व कृषि के सभी तकनिकी समस्याओं का समाधान का आश्वासन दिया.
कार्यक्रम में दिल्ली विभिन्न गांवो, नज़फगढ़ ब्लॉक, कंझावला ब्लॉक, बवाना, अलीपुर ब्लॉक के लगभग 450 किसानों ने भाग लिया. कार्यक्रम के अंत में अतिथि, किसान, उद्यमी, दिल्ली सरकार के अधिकारी, के.वी.के के सभी विशेषज्ञ एवं अधिकारी, मिडीयाकर्मियों को के.वी.के उजवा द्वारा धन्यवाद दिया गया.
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