देश में किसानों की दशा और दिशा दोनो सुधारने के लिए कई तरह के कार्य किए जा रहे हैं। यही नहीं 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के लिए भी सरकार के द्वारा की तरह के कार्य किए जा रहे हैं। इस बार सरकार द्वारा गेहूं किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए कदम उठाए गए हैं। सरकारी एजेंसियों ने चालू रबी विपणन वर्ष 2018-19 में देश के प्रमुख गेहूं उत्पादक प्रदेशों में कुल 355 लाख टन से ज्यादा गेहूं की खरीद की है, जो केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित लक्ष्य 320 लाख टन से 35 लाख टन ज्यादा है। यह जानकारी भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) की वेबसाइट पर उपलब्ध शुक्रवार को उपलब्ध कराई गई है।
अगर आंकड़ों की बात करें तो देश में पंजाब सबसे ज्यादा 126.91 लाख टन गेहूं की खरीद हुई है। वहीं इसके बाद दूसरे स्थान पर हरियाणा है जहां सरकारी एजेंसियों द्वारा किसानों का 87.39 लाख टन गेहूं खरीदा गया। और इसके बाद मध्यप्रदेश में गेहूं की खरीद लगभग 72.87 लाख टन हुई है। इसके अलावा देश के अन्य राज्यों की बात करें तो यह आंकड़े कुछ इस प्रकार हैं। उत्तर प्रदेश में 50.88 लाख टन गेहूं की खरीद। राजस्थान में 15.31 लाख टन गेहूं की खरीद, उत्तराखंड में 1.07 लाख टन गेहूं की खरीद। बिहार में अब तक महज 9,000 टन गेहूं की सरकारी खरीद हुई। वहीं, चंडीगढ़ में 14,000 टन, गुजरात में 37,000 टन और हिमाचल प्रदेश में 1,000 टन गेहूं सरकारी एजेंसियों ने खरीदा है।
एफसीआई के द्वारा जारी की गई आंकड़ों की बात करें तो देश में अब तक 355.04 लाख टन गेहूं देशभर के किसानों से सेंट्रल पूल के लिए खरीदा जा चुका है जबकि कुछ राज्यों में अभी तक गेहूं की सरकारी खरीद जारी है।
सरकारी एजेंसियां देश के प्रमुख गेहूं उत्पादक प्रदेशों में केंद्र सरकार द्वारा तय न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 1735 रुपये प्रति क्विंटल पर किसानों से सीधे गेहूं खरीद रही है।
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