Congress Bharat Jodo Yatra in UP: उत्तर प्रदेश में 'भारत जोड़ो यात्रा' (Bharat Jodo Yatra) की एंट्री से पहले समाजवादी पार्टी के प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (Former CM Akhilesh Yadav) ने कांग्रेस (Congress) पर हमला बोला है. उन्होंने कहा का वह राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में नहीं शामिल होंगे.
अखिलेश यादव ने गुरुवार को मीडिया से बातचीत करते हुए भारत जोड़ो यात्रा के सवाल पर कहा कि उन्हें कांग्रेस पार्टी की ओर से कोई न्योता नहीं मिला है और हमारी विचारधारा अलग है. साथ ही उन्होंने कहा बीजेपी और कांग्रेस दोनों एक ही हैं. जिसके बाद यह साफ हो गया कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में सपा प्रमुख अखिलेश यादव और उनकी पार्टी के नेता नहीं शामिल होंगे.
इन दलों को भेजा गया था न्योता
दरअसल कांग्रेस ने अपनी यात्रा को बड़े स्तर पर दिखाने के लिए विपक्षी दलों के शामिल होने के दावा किया था. कांग्रेस की ओर से सपा प्रमुख अखिलेश यादव, रालोद के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी, सुभासपा अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर और बसपा सुप्रीमो मायावती को भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होने का न्योता भेजा गया था.
बसपा सुप्रीमो के शामिल होने पर संस्पेंस
गौरतलब है कि रालौद के जयंत चौधरी पहले ही भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होने से इनकार कर चुके हैं वहीं अखिलेश यादव ने भी शामिल होने से मना कर दिया है, जबकि बसपा प्रमुख मायावती ने अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है ऐसे में मायावती के भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होने या न होने पर अभी भी सस्पेंस बना हुआ है. वहीं सपा एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य के इस यात्रा में शामिल होने की संभावना बनी हुई हैं.
3 जनवरी से फिर शरू होगी भारत जोड़ो यात्रा
बता दें कि कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा अभी ब्रेक पर है. 3 जनवरी से फिर भारत जोड़ो यात्रा गाजियाबाद जिले के लोनी बॉर्डर से होते हुए यूपी में प्रवेश करेगी, इसके बाद बागपत और शामली के हिस्सों से होते हुए हरियाणा में प्रवेश करेगी.
3 जनवरी 2023 से गाज़ियाबाद के रास्ते उत्तर प्रदेश की पुण्यभूमि पर पहुंच रही ऐतिहासिक #BharatJodoYatra का निर्धारित मार्ग👇👇👇 pic.twitter.com/TDA8Uiyvwi
— UP Congress (@INCUttarPradesh) December 27, 2022
राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा उत्तर प्रदेश में 3 दिनों तक रहेगी. इस दौरान वो करीब 110 किमी तक भारत जोड़ा यात्री पैदल यात्रा करेंगे. मिली जानकारी के मुताबिक कांग्रेस इस यात्रा में विपक्षी दलों को शामिल कर एक बड़ा संदेश देने का प्रयास कर रही है, लेकिन इस बीच अखिलेश यादव का ये बयान कांग्रेस के लिए झटका माना जा रहा है.
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