प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार किसानों की आय बढ़ाने एवं सदैव उनके सामाजिक- आर्थिक सशक्तिकरण के लिए कार्य करने पर जोर देती रही है. साथ ही, केंद्र ने कृषि क्षेत्र के कल्याण के लिए अनेक पहल की हैं. इनमें, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) स्कीम, एक महत्वपूर्ण योजना है.
इस योजना की प्रगति को लेकर केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने आज राज्यों के कृषि मंत्रियों के साथ वर्चुअल बैठक में चर्चा की. इसमें तोमर ने कहा कि कोई भी पात्र किसान इस योजना के लाभ से वंचित नहीं रहना चाहिए. साथ ही, उन्होंने राज्यों को डाटा शुद्धिकरण का कार्य शीघ्र पूरा करने को कहा है.
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पीएम-किसान में पात्र किसानों के बैंक खातों में 2,000 रु. की 3 समान किस्तों में 6,000 रु. प्रति वर्ष दिए जाते हैं, ताकि वे घरेलू जरूरतों के साथ कृषि एवं सम्बद्ध खर्चों को पूरा कर सकें. फरवरी-2019 में पीएम-किसान की शुरूआत से 11 किस्तें दी जा चुकी हैं. इनके जरिये लगभग 11.37 करोड़ पात्र किसानों को 2 लाख करोड़ रु. से अधिक राशि अंतरित की गई हैं.
पीएम-किसान का लाभ भू-जोत वाले किसानों को ही दिया जाता है. पीएम-किसान व अन्य योजनाओं एवं भविष्य में शुरू की जाने वाली किसान कल्याण योजनाओं के लिए पात्र किसानों की त्वरित पहचान हेतु डाटाबेस बनाया जा रहा है. इसमें किसानों के आधार, बैंक खाते सहित सभी जानकारी होगी तथा किसानों के भू-अभिलेख उनके रिकॉर्ड के साथ जुड़े होंगे. डाटाबेस बनाने के लिए राज्यों के भू-अभिलेखों को डिजिटली परिवर्तित करना होगा. इसी संबंध में आज बैठक की गई.
बैठक में उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तराखंड, हरियाणा, आंध्रप्रदेश, गुजरात, छत्तीसगढ़, पंजाब, राजस्थान, असम, अरूणाचल प्रदेश, कर्नाटक, केरल व बिहार के कृषि मंत्रियों ने भी अपने विचार रखें. बैठक में अन्य राज्यों के मंत्रीगण/वरिष्ठ अधिकारियों के साथ ही केंद्रीय कृषि सचिव मनोज अहूजा व अतिरिक्त सचिव अभिलक्ष लिखी मौजूद थे. संयुक्त सचिव व पीएम-किसान स्कीम के सीईओ प्रमोद मेहरदा ने प्रेजेन्टेशन दिया
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