किसानों को उनकी अच्छी फसल के लिए खाद व यूरिया की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण होती है. खबरों की मानें तो देशभर में पिछले साल DAP और यूरिया की खपत इस साल खरीफ सीजन में अधिक देखी गई है. इसी कड़ी में केंद्रीय उर्वरक सचिव रजत कुमार मिश्रा ने कहा कि देश के किसानों व राज्य सरकारों को डीएपी और यूरिया (DAP and Urea) को संतुलित उपयोग करने के लिए कहा गया है. साथ ही उन्होंने कहा कि इस वर्ष खरीफ सीजन के दौरान 13 लाख टन यूरिया और 10 लाख टन डीएपी की खपत में इजाफा देखने को मिला है.
वहीं केंद्रीय उर्वरक सचिव रजत कुमार मिश्रा ने यह भी कहा कि चल रहे खरीफ सीजन (Kharif season) में 1.8 करोड़ टन उर्वरक का इस्तेमाल किया और यूरिया की खपत 13 लाख टन की वृद्धि देखने को मिली है.
नये उर्वरक संयंत्र स्थापित करने की जरूरत
किसानों को पर्याप्त मात्रा में DAP और यूरिया पहुंचाने के लिए केंद्रीय उर्वरक सचिव रजत कुमार मिश्रा ने कहा कि अगर आप 10,000 करोड़ रुपए की लागत के साथ एक बेहतरीन आधुनिक व कुशल यूरिया संयंत्र स्थापित करते हैं, तो ऐसे में एक साल के अंदर ही लगभग 10.5 लाख टन तक यूरिया का उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं. ऐसे में हमें एक नया व बेहतरीन यूरिया संयंत्र (Urea Plant) स्थापित करना चाहिए. ताकि किसानों को अधिक से अधिक लाभ प्राप्त हो सके.
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सरकार ने सब्सिडी का बोझ उठाया
केंद्रीय उर्वरक सचिव ने यह भी बताया कि देश में पानी के बाद खेतों में उर्वरक का इस्तेमाल (use of fertilizer) सबसे अधिक किया जाता है. ताकि फसलों से अधिक उपज प्राप्त की जा सके.
इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि भारत सरकार के द्वारा साल 2022-23 में 2.5 लाख करोड़ रुपए तक की सब्सिडी का बोझ भी उठाया है. ताकि किसानों की आर्थिक स्थिति पर इसका अधिक भार न पड़े.
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