गन्ने की खेती को आसान बनाने के लिए कृषि वैज्ञानिको ने आसान तरीका खोज निकाला है। जिससे गन्ने के तने के बजाय उसके बीज से खेती की जा सकेगी। जी हां, शायद आपको यह पढ़कर हैरत हो रही होगा, लेकिन यह सच होने जा रहा है। दुनिया में पहली बार गन्ने का बीज विकसित किया गया है। यह कृषि विज्ञान क्षेत्र में बहुत बड़ी उपलब्धि है।
ज्ञात हो कि उत्तर प्रदेश के मेरठ स्थित सरदार बल्लभ भाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के दो वैज्ञानिकों ने दुनिया में पहली बार गन्ने का सिंथेटिक बीज तैयार किया है। विश्वविद्यालय के जैव प्रौद्योगिकी विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर आरएस सेंगर और डॉक्टर मनोज शर्मा ने संयुक्त रूप से शोध के बाद यह बीज तैयार किया है। माना जा रहा है कि इस बीज के उपयोग से गन्ना उत्पादन की तकनीकि में क्रांतिकारी बदलाव देखने को मिलेगा।
अब तक गन्ने की फसल तैयार करने के लिए उसे काटकर रोपना पड़ता है। इस तकनीकि के बाद गन्ने के बीज से तैयार पौधे नर्सरी से प्राप्त कर खेत में रोपे जा सकेंगे जिससे खेती की लागत में कमी आएगी। बीजों का तीन बार ट्रायल किया गया और ट्रायल सफल रहा है। प्रोफेसर आरएस सेंगर ने बताया कि गन्ने की खेती में इस नई प्राविधि के उपयोग के बाद गन्ने की खेती का तौर तरीका पूरी तरह बदल जाएगा।
फिलहाल सबसे बड़ी चुनौती इस शोध को पेटेंट कराने की है, जिसकी तैयारी शुरू हो गई है। संश्लेषित बीज तकनीकि द्वारा इस बीज को विकसित किया गया है। प्रोफेसर आरएस सेंगर की माने तो काटकर रोपे गए गन्ने की तुलना में इस तकनीकि से गन्ने का अंकुरण अधिक होगा साथ ही इससे रोगमुक्त उत्पादन भी किया जा सकेगा जिससे उत्पादकता तीन गुनी बढ़ जाएगी।
बायोटेक्नोलॉजी कॉलेज के डीन रविन्द्र कुमार ने बताया कि इस बीज को किसान जरूर पसंद करेंगे। क्योंकि इससे गन्ने की उत्पादकता भी बहुत हद तक बढ़ जाएगी। उन्होंने वैज्ञानिकों के इस उपलब्धि पर उन्हे हार्दिक बधाई भी दी।
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