आज केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2023-24 पेश किया है, जिसके बाद से देशभर में बजट 2023 को लेकर चर्चा हो रही है. इसी कड़ी में कृषि जागरण ने बजट 2023 में किसानों के लिए क्या खास रहा इस पर अपने यूट्यूब चैनल के माध्यम से लाइव चर्चा का आयोजन किया. इस लाइव चर्चा का नाम “Agri budget special” रखा गया, जिसपर ‘एग्री बिजनेस इनसाइट्स वीथ विजय सरदाना’ के स्पेशल कार्यक्रम में चर्चा की गई. इस कार्यक्रम को तीन सेशन में अलग-अलग विषय पर आयोजित की गई. जिसे आप कृषि जागरण के यूट्यूब चैनल पर देख सकते हैं.
कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए विजय सरदाना ने कहा कि आज हम चर्चा करेंगे कि किस तरह से इकोनॉमिक सर्वे के बाद जो आज बजट आया है उसमें विशेष रूप से कृषि क्षेत्र के लिए क्या खास है और आने वाले समय में किस तरह से इसका खेती पर, किसानों पर, उद्योग पर असर पड़ने वाला है.
कार्यक्रम में विजय सरदाना के साथ कृषि विशेषज्ञों, कृषि व्यवसायों और किसान ने जुड़कर किसानों के बीज, उर्वरक, एग्रोकेमिकल, खेती के यंत्र, पशुपालन और खेती में निवेश से जुड़े मुद्दों के बारे में चर्चा की. इसके साथ ही कार्यक्रम में बजट 2023 से किसानों को होने वाले फायदे और नुकसान पर भी चर्चा की गई. ऐसे में आइये सिलसिलवार तरीके से इस कार्यक्रम के तीनों सेशन की मुख्य बातें जानते हैं.
पहला सेशन “एग्री इनपुट”
पहले सेशन का विषय एग्री इनपुट रहा. इसमें विजय सरदाना के साथ अरविंद चौधरी (डीजी- फर्टिलाइजर एसोसिएशन ऑफ इंडिया), अरविंद कपूर (एमडी- एसेन हाइवेज प्राइवेट लिमिटेड), कल्याण गोस्वामी (एग्रो केम फेडरेशन ऑफ इंडिया के महानिदेशक) और युद्धवीर सिंह (भारतीय किसान यूनियन के जनरल सेक्रेटरी) ने चर्चा की. तो चलिए जानते हैं क्या रहा पहले सेशन में खास.
2023 का बजट कृषि बजट- अरविंद चौधरी
अरविंद चौधरी ने बजट पर अपने विचार रखते हुए कहा कि, यह अमृतकाल का पहला बजट है. बजट की प्राथमिकता देश की जीडीपी को 7 फीसदी तक लेकर जाने के लिए संकेत दे रही है. अगर बात करें कृषि कि तो, सबसे अधिक कृषि क्षेत्र में ध्यान दिया गया है. कृषि क्षेत्र के विकास की बदौलत ही सरकार ने ‘पीएम किसान गरीब कल्याण योजना” को एक साल की अवधि के लिए बढ़ाया है.
कृषि में किसान डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर में कोई बदलाव नहीं किया गया है. कृषि क्षेत्र में काफी फोकस किया गया. कृषि को स्टार्टअप के रूप में विकसित करने का काम किया जा रहा है. उन्होंने आगे कहा कि ग्रीन फर्टिलाइजर की ओर जाने का यह बहुत बड़ा कार्यक्रम है. जिससे उपज पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा. गोवर्धन योजना का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि किसानों को बायो फर्टिलाइजर की ओर प्रमोट किया जाएगा.
दोनों सेक्टरों को मिलेगा लाभ- अरविंद कपूर
अरविंद कपूर ने कहा कि क्वालिटी प्लांटिल मटिरियल की ओर सरकार ने बजट में काफी ध्यान दिया है. देखा जाए तो बीज किसानों के लिए सबसे अहम होता है, हर किसान तक बीज पहुंचाने के लिए सरकार का यह कदम बहुत सराहनीय है.
यदि बीज में वो क्षमता है कि वह बिना किसी खाद के अच्छी उपज दे पाएं, तो हम किसानों के लिए ऐसे बीज प्रोड्यूस करेंगे जिसमें रोगों से लड़ने के लिए किसी भी प्रकार के कैमिकल की आवश्यकता ना हो.
उन्होंने कहा कि सरकार का हमारे ऊपर फोकस अभी अप्रत्यक्ष है, क्योंकि प्राइवेट सेक्टर 75 फीसदी सीड सप्लाई सिस्टम को कंट्रोल करता है और किसानों को सारे एडवांस बीज वक्त पर मिलते हैं. सरकार अभी पारंपरिक बीजों को बढ़ावा दे रही है, इससे दोनों सेक्टर को काफी लाभ मिलेगा.
कृषि क्षेत्र को बढ़ावा- कल्याण गोस्वामी
कल्याण गोस्वामी ने कहा कि बजट 2023 कृषि के परिदृश्य से काफी महत्वपूर्ण है. ग्रामीण विकास के बारे में काफी सोचा गया है. पारंपरिक कृषि (conventional agriculture) से किसानों को हर दिन सिर्फ 21 रूपए कमाई होती है, लेकिन अब सरकार पीएम सम्मान निधि के तहत किसानों को सालाना 6 हजार रुपए दे रही है, यानि 18 रुपए प्रति दिन मिल रहा है. मगर इन पैसों में उनका गुजारा तो हो नहीं सकता, एग्री एक्सलरेटर और एग्री स्टार्टअप के लिए फंड किसानों के लिए बहुत काम आने वाला है. पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन पर ध्यान देने के साथ कृषि ऋण लक्ष्य को बढ़ाकर 20 लाख करोड़ कर दिया गया है, जो लोगों को कृषि क्षेत्र की ओर अग्रसर करेगा.
जानें किसान नेता युद्धवीर ने बजट 2023 पर क्या कहा
किसान नेता युद्धवीर ने कहा कि एक तरफ सरकार नेचुरल फार्मिंग की बात कर रही है, तो वहीं दूसरी तरफ जीएम सीड्स की बात कर रही है, जिससे नेचुरल फार्मिंग का कांसेप्ट ही खत्म हो जाता है. इसके लिए सरकार को स्पष्टता के साथ बात करनी होगी.
मुफ्त अनाज की घोषणा पर उन्होंने कहा कि जहां सरकार 84 करोड़ लोगों को कोरोना से उभरने के लिए मुफ्त में अनाज दे रही है, मगर पैसों से अनाज होता नहीं है, अनाज किसान पैदा करता है, इसका श्रेय उन किसानों को देना चाहिए, जिन्होंने कोरोना काल के दौरान अनाज उगाया, उनके योगदान की सरकार को प्रसंशा करनी चाहिए.
दूसरा सेशन “पोस्ट हार्वेस्ट”
दूसरे सेशन का विषय पोस्ट हार्वेस्ट रहा. इसमें विजय सरदाना के साथ सूरी एग्रोफ्रेश प्राइवेट लिमिटेड के जाइंट एमडी हितेन सुरी, मदर डेयरी के मुख्य रणनीति अधिकारी प्रदीप्ता कुमार साहू और एशिया पैसेफिक के उपाध्यक्ष देबब्रत सरकार ने चर्चा की. तो चलिए जानते हैं क्या रहा दूसरे सेशन में खास.
हितिन सुरी ने चर्चा करते हुए कहा कि सरकार ने 1000 करोड़ के बजट को फसलों के रखरखाव के लिए गोदाम बनाने के लिए आवंटित किया है. यह हमारे किसानों को खेती के बाद होने वाले नुकसान से बचाएगा. सुरी से कहा कि इस बजट में खेती के इन्फ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाने की भी चर्चा की गई है. उन्होने बताया कि कैसे कोल्ड स्टोरेज की सुविधाएं बढ़ने से पोस्ट हारवेस्ट से होने वाले नुकसान को कम किया जा सकेगा. इसके साथ-साथ यह हमें विभिन्न प्रकार के रोजगार को भी मुहैया कराएगा.
प्रदीप्ता कुमार साहू ने इस बजट को प्रगतिशील बताया. उन्होंने कहा कि यह बजट प्रगति, प्रकृति और समृद्धि से भरपूर है. उन्होने ग्रीन खेती, प्राकृतिक फार्मिंग, सर्कुलर इकोनामी से खेती को होने वाले फायदे के बारे में चर्चा की और बताया कि यह बजट हमको खेती के निर्यात को 50 से 100 बिलियन डॉलर के लक्ष्य को हासिल करने में मदद करेगा.
देबब्रत सरकार ने चर्चा के दौरान माइक्रो एलगी के महत्व के बारे में बात की. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने जैविक खेती पर काफी जोर दे रखा है. एलगी का उपयोग बायो फर्टीलाइजर के रूप में किया जाता है. इससे बनी उर्वरक किसानों की पैदावार अच्छी तो करती ही है. इसके अलावा यह रासायन से मुक्त होती है, जो मिट्टी के लिए लाभकारी साबित होती है.
तीसरा सेशन “सर्विस एंड एलाइड एक्टिविटी”
तीसरे सेशन का विषय सर्विस एंड एलाइड एक्टिविटी रहा. इसमें विजय सरदाना के साथ राजेश श्रीवास्तव (Rabo Equity Advisors), हर्ष कुमार भानवाला (Chairman of the governing board of MCX and Ex-chairman, NABARD), बिमल कुमार (CNH Industrial),रवि पोखरना (DG, Pahle India foundation), आशुदीप गर्ग (Vice president & head corporate development) ने चर्चा की. तो चलिए जानते हैं क्या रहा तीसरे सेशन में खास.
तीसरे सेशन की शुरुआत करते हुए विजय सरदान ने कहा कि देश में सबसे ज्यादा पैसा नाबार्ड संभालती है. यह कई तरह के कार्यों को पूरा करती है. चाहें वह कृषि क्षेत्र से हो या फिर किसी सरकारी निवेश करने का कार्य हो, वह सब नाबार्ड के द्वारा किया जाता है. इसके अलावा इस पैनल में एग्री स्टार्टअप जो की प्राइवेट सेक्टर में कैसे निवेश करते हैं और कैसे देश के किसानों को इनका लाभ प्राप्त होता है, इसके बारे में भी चर्चा की गई है और साथ ही देश के मजदूरों के बारे में भी इस पैनल में बताया गया है. बता दें कि इस बार बजट में 20 लाख करोड़ रुपये तक का कृषि बजट पेश किया गया.
राजेश श्रीवास्तव ने कहा कि आने वाले समय में प्राइवेट सेक्टर देश में सबसे अधिक देखने को मिलेगा. इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि भविष्य में 5 से 6 बिलियन डॉलर कृषि क्षेत्र में पैसा जायेगा. देश में बैंक कृषि क्षेत्र में किसी भी तरह की कोई सहायता नहीं करता है.
हर्ष कुमार भानवाला ने कहा कि अगर किसान के परिवार का भला करना है, तो सिर्फ कृषि से नहीं हो सकता है. कृषि क्षेत्र में काम करते हुए हमें रोजगार के साधनों पर भी काम करना चाहिए. इसके अलावा उन्होंने ये भी कहा कि पूरे बजट का सबसे अधिक ध्यान डिजिटल पर गया है. अगर एक किसान डिजिटल से जुड़ें कार्यों को खेती में समझ पायेगा. तो वो उसके लिए बहुत ही ज्यादा फायदेमंद होगा.
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आशुदीप गर्ग ने कहा कि डिजिटल तो आगे बढ़ रहा है, लेकिन उसके साथ कुछ चीजें आगे बढ़ रही है, तो कुछ पीछे रह जा रही है. यह सब तो चलता रहेगा. लेकिन सरकार को इन सबको ध्यान में रखते हुए अपना काम करते रहना है. सभी तरह के कार्यों को करने के लिए सरकार का सहयोग जरूरी है.
बिमल कुमार ने कहा कि देश में कई हद तक ड्रोन कई तरह की चीजों को कम करने में मददगार साबित होगा. यह कृषि क्षेत्र में किसानों के लिए किसी वरदान से कम नहीं होगा. इसके इस्तेमाल से भारत की अर्थव्यवस्था में कई गुणा लाभ मिलेगा. इसके अलावा इन्होंने कृषि क्षेत्र के लिए कई महत्वपूर्ण जानकारी भी साझा की.
रवि पोखरना ने इस पैनल में चर्चा करते हुए कहा कि देश में बेरोजगार बढ़ना सबसे बड़ी परेशानी है. इन्होंने कहा कि हमारे यहां गांव में किसी भी तरह का कोई रोजगार उपलब्ध नहीं हैं. जो भी रोजगार के अच्छे साधन है. वह सभी शहर में मौजूद है. सरकार को देश के किसान व ग्रामीण इलाकों पर अधिक से अधिक ध्यान देना चाहिए.
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