मन्दसौर जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों की निगाहें आसमान की ओर टिकी हुई है. जिन किसानों ने पहली बारिश में बुवाई कर दी हैं वह किसान अब आसमान की ओर निगाहें कर रहे हैं की बारिश कब आए क्योंकि अब की बार सोयाबीन का बीज 6 हज़ार से लेकर 7 हज़ार प्रती क्विंटल बीज खरिद कर लाए हैं. कई किसानों ने पहली बारिश में बुवाई तो कर दी, लेकिन अब बारिश नहीं हो रही है तो किसानों को चिंता होने लगी हैं. क्योंकि बुवाई के बाद समय-समय पर बारिश होने पर सोयाबीन और मक्का की फसल बढ़िया ऊग जाए और अगर बारिश थोड़ी लेट हो जाए तो सोयाबीन पूरी तरह से ऊग नहीं पाएगी. किसान अपने खेतों पर जाकर आसमान की और निगाहें लगाऐ बैठे हैं की बारिश जल्दी आ जाए तो जो सोयाबीन बीज बोया है वह पूरी तरह ऊग जाए.
ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों का कहना हैं चार पांच दिन अगर बारिश लेट हो जाए तो जिन किसानों ने सोयाबीन की बुवाई की है उनको काफी नुक़सान की सम्भावना है. ड़बल से महंगा बीज लाकर बुवाई करना पड़ सकती हैं.पिछले साल अधिक बारिश से खेतों में खड़ी सोयाबीन की फसल पूरी तरह से ख़राब हो गई थी.कई किसानों की लागत भी नहीं निकल पाई थी काफी नुक़सान हुआ था इसलिए किसानों को अब की बार सोयाबीन बीज महंगा लाना पड़ा.
किसान दिलीप पाटीदार का कहना है कि पहली बारिश के में ही लगा था की बुवाई करना उचित समय आ गया है तो हमने बुवाई कर दी लेकिन पिछलें साल अधिक वर्षा होने के कारण सोयाबीन की फसल खेतों में ही सड़ गई जिसके कारण सोयाबीन का बीज किसानों के पास उपलब्ध ना होने से इस वर्ष सोयाबीन के बीज की किमत 6 हज़ार से लेकर 7 हज़ार तक सोयाबीन का बीज मिला है. अब तो भगवान ही जाने किसानों का क्या होना है सरकार मौन है बस बारिश का इंतज़ार है. सरकार से मद्दत मिले तो अच्छा है.
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