1. Home
  2. ख़बरें

कपास की खेती कर साधारण महिला ने हासिल की उपलब्धि, इन उन्नत विधियों को अपनाया

राजस्थान के भीलवाड़ा एवं चित्तौड़गढ़ जिले में चल रही सहभागी कपास विकास परियोजना के तहत 18 किसान दिवस आयोजित किए जा रहे हैं.

अनामिका प्रीतम
ढोसर पंचायत के गांव काला ढुंढा में महिला मनभरी देवी गुर्जर के खेत में किसान दिवस मनाया गया
ढोसर पंचायत के गांव काला ढुंढा में महिला मनभरी देवी गुर्जर के खेत में किसान दिवस मनाया गया

राजस्थान के भीलवाड़ा एवं चित्तौड़गढ़ जिले में चल रही सहभागी कपास विकास परियोजना के तहत अट्ठारह किसान दिवस आयोजित किए जा रहे हैं. इसी कड़ी में ढोसर पंचायत के गांव काला ढुंढा में महिला मनभरी देवी गुर्जर के खेत में किसान दिवस मनाया गया. इस अवसर पर पी एन शर्मा पूर्व उपनिदेशक कृषि ने फील्ड भ्रमण कराते हुए बताया कि यह महिला किसान पहले 3x3 फीट की दूरी पर कपास बोती थी.

उन्होंने बताया कि इस वर्ष पैदावार बढ़ाने के लिए प्रति हेक्टर पौधों की संख्या बढ़ाने के लिए किसानों को प्रेरित किया गया. इस किसान ने इस वर्ष 3x1 फीट पर कपास की बुवाई की. पूर्व में प्रति हेक्टेयर 12345 पौधे लगाए जाते थे. इस वर्ष 37037 पौधे प्रति हेक्टर लगाए गएं.

इस महिला ने उन्नत खेती की सभी विधियां अपनाई. 5 फीट ऊंचाई पर पौधे की डीटॉपिंग की, दो बार खट्टी छाछ एवं गोमूत्र का छिड़काव किया. गोमूत्र ,नीम धतूरा ,आंकड़ा कालाआकडा, झरमरी, गाजर घास का जैविक कीटनाशक बनाकर प्रयोग किया, जिससे कीड़े, बीमारियां नहीं लगीं. साथ ही उबसूख की बीमारी पैराविल्ट का प्रकोप नहीं हुआ.

शर्मा ने बताया कि ऑस्ट्रेलिया, चीन, ब्राजील आदि देशों में एक हेक्टर में एक लाख से अधिक कपास के पौधे बोए जाते हैं. सरकार का प्रयास भारत की औसत पैदावार को 540 किलो रुई प्रति हेक्टेयर से बढ़ाकर 800 किलो रुई प्रति हेक्टर पैदा करने का लक्ष्य है. भीलवाड़ा जिला संपूर्ण देश में औसत 800 किलो रुई प्रति हेक्टर से अधिक पूर्व में ही पैदा कर रहा है, हमारा लक्ष्य पैदावार की औसत उपज 1 100 किलो रुई प्रति हेक्टर करने का है. अब उपज बढ़ाने का एकमात्र उपाय हाई डेंसिटी प्लांटिंग का ही है.

ये भी पढ़ें: कपास की खेती की सम्पूर्ण जानकारी एवं प्रमुख कीटों का कारगर उपाय

भारत सरकार इस विधि को किसान के खेत तक पहुंचाने के लिए बहुत प्रयत्नशील है. कपड़ा मंत्री पीयूष गोयल ने इसके लिए एक सलाहकार समिति बनाई है, जिसके अध्यक्ष सुरेश भाई कोटक है. इस समिति को शर्मा ने कपास की उपज बढ़ाने के सुझाव भी दिए हैं जिसमें हाई डेंसिटी प्लांटिंग भी एक है.

भीलवाड़ा जिले में पहली बार इस वर्ष में 500 एकड़ में हाई डेंसिटी प्लांटिंग करवाया गया है. किसान इनके परिणामों को देखते हुए बहुत उत्साहित हैं. ढोसर क्लस्टर के ढोसर, काला ढूंढा एवं सत डुंडिया गांव में शत प्रतिशत किसानों ने इस विधि को अपनाया है.

भीलवाड़ा जिला कपास के औसत उत्पादन में भारत के मानचित्र पर तो है ही लेकिन अब हाई डेंसिटी प्लांटिंग में भी आगे बढ़ गया है. वर्तमान में भारत में और जगह ट़ाइल प्लॉट लगाए गए हैं. वहीं भीलवाड़ा में किसानों ने इस विधि को अपना लेने पर खुशी जताई है.

पी एन शर्मा, पूर्व उपनिदेशक कृषि

English Summary: Achievement achieved by ordinary woman by cultivating cotton, adopted these advanced methods Published on: 16 November 2022, 04:35 PM IST

Like this article?

Hey! I am अनामिका प्रीतम . Did you liked this article and have suggestions to improve this article? Mail me your suggestions and feedback.

Share your comments

हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें. कृषि से संबंधित देशभर की सभी लेटेस्ट ख़बरें मेल पर पढ़ने के लिए हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें.

Subscribe Newsletters

Latest feeds

More News