नमस्कार किसान भाइयों, आज कृषि जागरण के चौपाल में एक बार फिर से किसानों के विकास को लेकर चर्चा की गई. आपको बता दें कि आज, 12 जुलाई 2022 को कृषि जागरण की चौपाल में एग्रो केम फेडरेशन ऑफ इंडिया के महानिदेशक (Director General Agrochem Federation of India (ACFI)) कल्याण गोस्वामी को आमंत्रित किया गया.
इस कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए कृषि जागरण के एडिटर इन चीफ एम सी डोमिनिक ने कहा कि वे पिछले 15 सालों से कल्याण गोस्वामी को बहुत अच्छे तरीके से जानते हैं. ऐसे में कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए कल्याण गोस्वामी (Kalyan Goswami) ने देश के किसानों के प्रति कई महत्वपूर्ण विषय पर अपने विचार व्यक्त किए.
सबसे पहले उन्होंने इस कार्यक्रम में ब्रह्मा देव के बारे में बताया कि नारद जी ने ब्रह्मा से पूछा कि तुम कहां रहते हो, तो ब्रह्मा ने कहा में हर जगह हर कण में निवास करता हूं. इसके बाद उन्होंने कहा कि मानव का इतिहास 12 हजार साल पुराना है और इसकी शुरुआत प्रकृति से होती है.
आजादी के बाद सबसे पहले खाने का लक्ष्य (Goal of eating first after independence)
उन्होंने कहा कि आजादी के बाद लोगों के लिए सबसे पहला लक्ष्य खाने की पूर्ति करना था. 1967 में हरित क्रांति की शुरुआत हुई और इसी के साथ खाद का भी उपयोग होना शुरू होता है. आगे उन्होंने कहा कि खेती के लिए कीटनाशक खराब नहीं होते हैं, बल्कि इसका खेत में अधिक प्रयोग खराब होता है. साथ ही उन्होंने शहरीकरण पर भी किसानों के बारे में कहा कि शहरीकरण के कारण जमीन कम हुई और फिर खेती किसानों के लिए फायदे के सौदा नहीं रही. साथ ही उन्होंने कहा कि कृषि को सतत विकास की ओर कैसे ले जाया जा सकता है, इसके ऊपर विचार करना चाहिए.
किसानों को सब्सिडी से मिलता फायदा (Give benefit to farmers from subsidy)
इस कार्यक्रम में उन्होंने किसानों की दोगुनी आय की भी बात करते हुए कहा कि किसानों को 6 हजार रुपए देने की जगह उनके लिए सब्सिडी ज्यादा जरूरी है. वह इसके इस्तेमाल से लाभ प्राप्त कर सकते थे. इसके बाद उन्होंने श्रीलंका का उदाहरण देते हुए कहा कि 100 प्रतिशत Organic कभी भी नहीं हो सकता है. आगे कहा कि Natural Farming में कुछ नहीं करना पड़ता है. इसमें बस मिट्टी को खोदकर और बीज बो दिया जाता है.
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खेत में कीटनाशक का प्रयोग (use of pesticides in the field)
उन्होंने कहा कि फसल में कीटनाशक को बंद करने की बजाय उसका उपयोग सही तरीके से करना जरूरी है. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि GDP में कृषि का योगदान 17 प्रतिशत तक है, लेकिन इसे आगे कैसे आगे बढ़ाया जाए यह सबसे बड़ा सवाल है.
किसानों की परेशानियों को ध्यान में रखते हुए उन्होंने यह भी कहा कि हमारे देश में कृषि में सबसे बड़ी समस्या धान की खेती को लेकर है, क्योंकि इसमें पानी की मात्रा सबसे अधिक लगती है. इसके अलावा कल्याण गोस्वामी ने कई अहम मद्दों पर अपने विचार व्यक्त किए.
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