उत्तर प्रदेश के फतेहपुर में एक किसान के बेटे का अद्भुत हुनर देखने को मिला है। यहां किसान के बेटे ने 222 किलो का गेहूं का सिक्का बनाकर जिले व प्रदेश का नाम रोशन किया है। इस सिक्के को देखने के लिए गांव ही नहीं बल्कि पड़ोसी जनपद के लोगों का हुजूम भी इकठ्ठा हो रहा है।
दरअसल मामला जिले के धरमपुर सराय गांव का है। जहां के रहने वाले शैलेन्द्र कुमार ने 5 फुट उंचाई का 2 क्विंटल, 11 किलो गेहूं के दानों से एक रुपए का सिक्का बनाया है। यह सिक्का महज 45 दिनों में एक साधारण किसान के बेटे ने बनाकर तैयार किया है। वहीं गांव की युवा पीढ़ी भी शैलेन्द्र के इस कार्यों की प्रशंसा करते हुए गेहूं से तैयार इस एक रुपए के सिक्के को गिनीज बुक में दर्ज कराने की मांग कर रही है।
शैलेन्द्र ने बताया कि एक रुपए के सिक्के में गेहूं की बाली देख कर उसे यह सिक्का बनाने की प्रेरणा मिली। उसका मानना है कि देश में गेहूं नहीं होगा तो किसान खुशहाल नहीं होगा इसीलिए उसने यह सिक्का बनाया है। किसी भी देश की धातुई मुद्रा का गेहूं या अन्य किसी अनाज के दाने से बनाया गया इतना विशाल और अद्भुत प्रतिरूप शायद विश्व में पहली बार बना होगा।
एक हुनर ऐसा भी, गेहूं के दाने से बना डाला सिक्का...
उत्तर प्रदेश के फतेहपुर में एक किसान के बेटे का अद्भुत हुनर देखने को मिला है। यहां किसान के बेटे ने 222 किलो का गेहूं का सिक्का बनाकर जिले व प्रदेश का नाम रोशन किया है। इस सिक्के को देखने के लिए गांव ही नहीं बल्कि पड़ोसी जनपद के लोगों का हुजूम भी इकठ्ठा हो रहा है।
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