केंद्रीय मंत्री राधा मोहन सिंह ने जानकारी दी है कि देश के 67 लाख से अधिक किसान प्रधानमंत्री सम्मान निधि योजना का लाभ डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर योजना के अंतर्गत नहीं ले पाएंगे. क्योकी दिल्ली, पश्चिम बंगाल और सिक्किम जैसे राज्यों ने अपना ब्यौरा पीएम किसान पोर्टल पर प्रकाशित नहीं किया है. इसके अलावा राजस्थान, मेघालय, लक्षद्वीप ,अरुणाचल प्रदेश, मध्यप्रदेश और राजस्थान में भी इस निधि की राशि पात्र किसानों को नहीं भेजी गई है. इसके पीछे का कारण है कि जारी किए गए आंकड़ों की जांच व निधि जारी करने की मांग नहीं हुई है. कृषि मंत्री ने बताया कि पश्चिम बंगाल में अगर प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) के तहत 1,342 करोड़ रुपये की पहली किस्त प्राप्त की गई होती तो प्रदेश के 67.11 लाख किसानों में से प्रत्येक को 2,000 रुपये मिले होते.
इसी तरह दिल्ली में 15,880 किसान और सिक्किम में 55,090 किसानों को इस योजना का लाभ नहीं मिल पाया है. किसान सम्मान निधि के तहत दोनों स्थानों के लिए 14 करोड़ रूपये दिया जाना था. नरेंद्र मोदी सरकार ने अंतरिम बजट में किसानों के लिए सालाना 6,000 रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की थी. पीएम किसान सम्मान निधि योजना की यह रकम दो हेक्टेयर यानी पांच एकड़ से कम जोत की जमीन वाले 12.5 करोड़ छोटे व सीमांत किसानों को तीन किस्तों में प्रदान की जाएगी.
वित्त वर्ष 2018-19 ख़त्म होने के पहले ही देश के प्रत्येक किसान को इस योजना के प्रथम चरण में 2000 रुपये भुगतान कर दिए जाएंगे. कृषि मंत्री ने बताया कि सभी राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा 4.71 करोड़ किसानों के विवरण अपलोड किए गए हैं जिसमें जांच होने के बाद उसमें 3.11 करोड़ किसानों को पात्र पाया गया था.
उन्होंने बताया कि प्रथम किस्त का हस्तांतरण लगभग 2.75 करोड़ किसानों को किया जा चुका है इसके आलावा और 22 लाख किसानों को यह किस्त हस्तांतरित करने की मांग की गई है. उन्होंने बताया कि विभिन्न प्रदेशों में 1.65 करोड़ लाभार्थियों के विवरण में त्रुटि होने की वजह से आवेदन वापस कर दिए गए है.
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