कृषि एवं सहायक उत्पादों में भारत का व्यापार संतुलन गिर गया है। अब निर्यात कम होकर आयात के लगभग बराबर रह गया है। करीब 4 साल पहले इनका निर्यात आयात के मुकाबले करीब 150 प्रतिशत अधिक हुआ करता था। सरकार की प्रतिकूल नीतियों के कारण आयात में जबरदस्त इजाफा हुआ है जबकि निर्यात में कमी आई है। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के तहत काम करने वाले डायरैक्टोरेट जनरल ऑफ कमॢशयल इंटैलीजैंस एंड स्टैटिस्टिक्स (डी.जी.सी.आई.एस.) के आंकड़ों के अनुसार वित्त वर्ष 2016-17 में भारत से कृषि एवं सहायक उत्पादों का निर्यात 25 प्रतिशत कम होकर 24.69 अरब डालर रह गया, जबकि वित्त वर्ष 2014 में यह आंकड़ा 32.95 अरब डालर था।
इसके उलट इस दौरान इन उत्पादों का कुल आयात 13.49 अरब डालर से बढ़कर 23.20 डालर हो गया। निर्यात घटने की एक बड़ी वजह सूखा भी रहा। वित्त वर्ष 2014 से लगातार 2 साल देश के कई हिस्सों में सूखा पडऩे से अनेक कृषि जिंसों का उत्पादन घट गया। इनमें दलहन, खाद्य तेल और गन्ना जैसी आवश्यक जिंसें भी शामिल थीं। देश की बढ़ती आबादी के साथ ही इन उत्पादों की खपत भी लगातार बढ़ रही है। दूसरी तरफ सरकार ने कम उत्पादन की आशंका में चावल, गेहूं और मक्का आदि के निर्यात पर पाबंदी जारी रखी है।
25% घटा कृषि उत्पादों का निर्यात
कृषि एवं सहायक उत्पादों में भारत का व्यापार संतुलन गिर गया है। अब निर्यात कम होकर आयात के लगभग बराबर रह गया है। करीब 4 साल पहले इनका निर्यात आयात के मुकाबले करीब 150 प्रतिशत अधिक हुआ करता था। सरकार की प्रतिकूल नीतियों के कारण आयात में जबरदस्त इजाफा हुआ है जबकि निर्यात में कमी आई है। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के तहत काम करने वाले डायरैक्टोरेट जनरल ऑफ कमॢशयल इंटैलीजैंस एंड स्टैटिस्टिक्स (डी.जी.सी.आई.एस.) के आंकड़ों के अनुसार वित्त वर्ष 2016-17 में भारत से कृषि एवं सहायक उत्पादों का निर्यात 25 प्रतिशत कम होकर 24.69 अरब डालर रह गया, जबकि वित्त वर्ष 2014 में यह आंकड़ा 32.95 अरब डालर था।
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