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बिहार के 23 जिले पूरी तरह हुआ रौशनी से जगमग

गांवों तक बिजली पहुंचाने की गति में बिहार की रफ्तार सबसे तेज है। दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के तहत बिहार के 23 जिले पूरी तरह रोशन हो चुके हैं। शेष जिलों में भी काम तेजी से जारी है। पूरे प्रदेश में अब सिर्फ 432 गांव ही बिजली से वंचित रह गए हैं। अगले महीने तक यहां भी बिजली पहुंचाने काम पूरा कर लिया जाएगा। केंद्र सरकार के सार्वजनिक उपक्र म रूरल इलेक्ट्रीफिकेशन कारपोरेशन लिमिटेड की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले वित्तीय वर्ष में बिहार ने ग्रामीण विद्युतीकरण में 19 राज्यों को पछाड़कर प्रथम स्थान हासिल किया है। इस दौरान बिहार ने टारगेट से भी ज्यादा गांवों में बिजली पहुंचाई।

गांवों तक बिजली पहुंचाने की गति में बिहार की रफ्तार सबसे तेज है। दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के तहत बिहार के 23 जिले पूरी तरह रोशन हो चुके हैं। शेष जिलों में भी काम तेजी से जारी है। पूरे प्रदेश में अब सिर्फ 432 गांव ही बिजली से वंचित रह गए हैं। अगले महीने तक यहां भी बिजली पहुंचाने काम पूरा कर लिया जाएगा। केंद्र सरकार के सार्वजनिक उपक्र म रूरल इलेक्ट्रीफिकेशन कारपोरेशन लिमिटेड की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले वित्तीय वर्ष में बिहार ने ग्रामीण विद्युतीकरण में 19 राज्यों को पछाड़कर प्रथम स्थान हासिल किया है। इस दौरान बिहार ने टारगेट से भी ज्यादा गांवों में बिजली पहुंचाई। बिहार के बाद दो-तीन राज्य ही ऐसे हैं जो टारगेट से ज्यादा गांवों में बिजली पहुंचाने में कामयाब हो सके। बाकी कई राज्यों में बिजली पहुंचाने का काम बहुत धीमा रहा। बिहार में सिर्फ कटिहार जिले में सबसे ज्यादा दिक्कत आ रही है। वहां अभी भी 274 गांवों में बिजली नहीं पहुंची है। दूसरा स्थान सहरसा का है जहां के 68 जिले बिजली से वंचित हैं। इन दोनों जिलों के सभी गांवों में अगर बिजली पहुंचा दी जाए तो बिहार को लक्ष्य की प्राप्ति में कोई बाधा नहीं रह जाएगी। 1नवंबर, 2014 में प्रधानमंत्नी नरेंद्र मोदी ने एक हजार दिनों के भीतर देश के सभी गांवों को रोशन कर देने का एलान किया था।
इसकी अविध एक मई 2018 तय की गई थी। हालांकि बाद में इसमें से एक साल घटा कर मई 2017 कर दिया गया। बिहार को इसके अनुरूप जून 2017 के पहले 432 गांवों में बिजली पहुंचा देनी है। खपत भी बढ़ी । बिहार में ग्रामीण विद्युतीकरण (font missing)  के साथ-साथ बिजली की खपत में भी तेजी से वृद्धि हो रही है। चालू वर्ष में अभी तक पीक ऑवर में 38 सौ मेगावाट बिजली की सप्लाई की जा चुकी है। माना जा रहा है कि इसी वर्ष यह आंकड़ा चार हजार मेगावाट के पार कर सकता है। सप्लाई के साथ साथ आधारभूत संरचनाओं पर भी तेजी से काम हो रहा है। सहरसा, किशनगंज, पूर्णिया, कटिहार, दरभंगा, मोतिहारी एवं मुजफ्फरपुर में 400 केवी के पावर ग्रिड बनाए जा रहे हैं। सबको नेशनल ग्रिड से जोड़ा जाना है। इसके बाद कोसी, सीमांचल एवं मिथिलांचल में बिजली आपूर्ति की समस्या दूर हो जाएगी। 
ये हैं पूरी तरह रोशनी से जगमग वाले जिले 
अररिया, औरंगाबाद, बेगूसराय, भागलपुर, भोजपुर, बक्सर, दरभंगा, जमुई, जहानाबाद, किशनगंज, लखीसराय, मधेपुरा, मधुबनी, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नालंदा, पटना, पूर्णिया, सीतामढ़ी, पूर्वी चंपारण, सिवान, सुपौल, वैशाली
जहां सबसे अधिक बाकी है काम 
कटिहार - 274
सहरसा - 68
सारण - 33
पं चंपारण - 19
कैमूर - 17
English Summary: 23 districts of Bihar are completely illuminated with illumination Published on: 28 August 2017, 02:16 AM IST

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