भारत सरकार देश के किसान भाइयों के लिए हमेशा नई-नई स्कीम से आर्थिक मदद करती रहती है. इसी क्रम में सरकार ने अब गिरते भूजल स्तर पर गंभीर चिंता व्यक्त की है, जिसके चलते किसानों के लिए खेत की सिंचाई करने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
ऐसी स्थिति में देखा गया है कि किसान अब धीरे-धीरे अपने खेत में ऐसी फसलों को अपना रहे हैं, जिनमें पानी की मात्रा बेहद कम लगती है और आय भी बेहद कम होती है. किसानों की आय व फसलों की सिंचाई के लिए सरकार कई तरह के विकल्पों पर तेजी से काम कर रही है. इन्हीं में से एक सोलर पंप स्कीम भी है.
सरकार की स्कीम में मिलेंगे 20 हजार ट्यूबवेल
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि हाल ही में उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के किसानों को फसल की सिंचाई अच्छे से करने के लिए 10 हजार सोलर पंप देने का फैसला लिया था, लेकिन अब सरकार ने अपने इस फैसले में बदलाव किया है. सरकार अब किसानों को 10 हजार की जगह 20 हजार सोलर पंप की सुविधा उपलब्ध करवाएगी.
इस बात की जानकारी खुद कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही ने दी है, जिसमें उन्होंने कहा कि सरकार की इस योजना का लाभ पहले आओ पहले पाओ के आधार में दिया जाएगा.
इसके अलावा उन्होंने इस बात की भी जानकारी दी, कि अगर किसी कारणवश ट्यूबवेल खराब हो जाता है, तो आप इसे 36 घंटे के अंदर सरकार की मदद से ठीक करवा सकते हैं.
सरकार के इस फैसले के बाद से राज्य के किसानों के चेहरों पर खुशी की एक लहर देखने को मिल रही है. दरअसल, इस वर्ष राज्य में बारिश कम होने की वजह से किसानों के खेतों में सूखे जैसे हालत बनते जा रहे हैं. यह सूखे के हालत तकरीबन 62 जिलों के किसान झेल रहे हैं. राज्य के कई जिलों में तो खेतों में दरारें पड़ना शुरू हो चुकी हैं. किसानों की इस दिक्कत को देखते हुए सरकार ने सोलर पंप की सुविधा जल्द से जल्द किसानों को देने के लिए कहा है.
किसानों के लिए सरकार ने लिए यह फैसले
किसानों की मदद के लिए सरकार ने कुछ अहम फैसले भी लिए हैं, जो कुछ इस प्रकार से हैं. राज्य के किसानों के लिए सरकार ने स्वीडन में APC द्वारा खाद्य प्रसंस्करण व कृषि क्षेत्र में निवेश को लेकर कृषि विभाग के माध्यम से प्रस्ताव दे दिया गया है.
इसके अलावा राज्य के कृषि मंत्री ने पशुपालन, गन्ना विकास, मत्स्य, जल शक्ति आदि विषय के प्रस्ताव पर भी चर्चा की है. इसी बीच सरकार ने यह भी फैसला लिया है कि जल्द ही विभाग के माध्यम से 2 करोड़ नर्सरी का लाभ सीधे किसानों को प्राप्त होगा.
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