उत्तर प्रदेश के किसानों ने भाजपा सरकार में भरोसा जताया तो अब बदले में उनके लिए बंपर फसल काटने का वक्त आ गया है। राज्य में भाजपा सरकार गठन को अभी दो महीने भी पूरे नहीं हुए हैं लेकिन राज्य और केंद्र ने मिलकर लगभग आधा दर्जन ऐसे फैसले को जमीन पर उतरना शुरू कर दिया है जो किसानों की किस्मत बदल देगी।
राज्य सरकार की ओर से कृषि ऋण माफी व गेहूं की ऐतिहासिक खरीद के बाद अब केंद्र ने बीस कृषि विज्ञान केंद्र स्थापित करने का निर्णय लिया है। राज्य के किसानों को आधुनिक तकनीक और जानकारी मुहैया कराने के लिए केंद्र अहम होगा।
तथ्य यह है कि पूर्ववर्ती सरकारों की ओर से समुचित जमीन उपलब्ध न कराने की वजह से इन कृषि विज्ञान केंद्रों की स्थापना सालों से लंबित पड़ी हुई थी। सूबे की नई सरकार के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इन कृषि विज्ञान केंद्रों के लिए जमीन हाथों हाथ मुहैया करा दिया है।
राज्य की भाजपा सरकार ने सत्ता संभालते ही संकट के दौर से गुजर रहे लगभग डेढ़ करोड़ कर्जदार किसानों की ऋण माफी दी। उसी के साथ भुगतान न मिलने से हलकान गन्ना किसानों को ज्यादातर बकाया मिल चुका है। केंद्र सरकार की तर्ज पर राज्य सरकार ने भी आगे बढ़कर कृषि क्षेत्र को उच्च प्राथमिकता देनी शुरु कर दी है।
केंद्रीय योजनाओं को शत प्रतिशत लागू करने की प्रक्रिया को तेज कर दिया गया है। जाहिर तौर पर यह सबकुछ घोषणापत्र के अनुसार हो रहा है लेकिन यह भी सच्चाई है किसान देश का सबसे बड़ा वोटर है और भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व से हर भाजपा मुख्यमंत्री को ताकीद किया जाता रहा है कि वह उनकी कृषि नीति पर ध्यान केंद्रित करें। किसानों के लिए शून्य फीसद पर ऋण की शुरूआत भी सबसे पहले भाजपा शासित राज्य ने ही शुरू की थी।
केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह अपने आला अफसरों के साथ 12 मई को लखनऊ पहुंच रहे हैं, जहां मुख्यमंत्री योगी और उनके कृषि से जुड़े विभागीय मंत्रियों के साथ बैठक करेंगे। इसी समय कृषि विज्ञान केंद्रों की स्थापना के प्रस्तावों पर मुहर लग जाने की संभावना है। इसके अलावा राज्य में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के प्रस्ताव लटके पड़े हैं, जिसकी मंजूरी दी जायेगी। मंडी सुधार की दिशा में काम तेज कर दिया गया है। भूमि पट्टा कानून में संशोधन करने वाला उत्तर प्रदेश फिलहाल देश का पहला राज्य बन गया है।
कृषि विज्ञान केंद्र, जहां खोले जायेंगे कृषि विज्ञान केंद्र
(नये जिले:)
1-श्रावस्ती, 2-अमरोहा, 3-हापुड़, 4-शामली, 5-संभल, 6-अमेठी, 7-कासगंज।
इन बड़े जिलों में दूसरा केवीके खोले जो का प्रस्ताव:
1-इलाहाबाद, 2-खीरी, 3-हरदोई, 4-आजमगढ़, 5-जौनपुर, 6-बदायूं, 7-सुल्तानपुर, 8-बहराइच, 9-मुरादाबाद, 10-गोंडा, 11-गाजीपुर, 12-रायबरेली, 13-मुजफ्फरनगर।
Share your comments