आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति ने आज भी कई लोगों को गंभीर से गंभीर बीमारियों से निजात दिलवाया है और जहाँ पर सभी दवाएं फेल हुई वहां पर आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति ने लोगों का विश्वास जीता है. मुख्य रूप से आज हम आपको आयुर्वेद की एक ऐसी चिकित्सा के बारे में बताने जा रहे हैं जिससे आज कई लोगों को किडनी से जुडी कई बीमारियों से राहत मिली है. किडनी के बीमारी में जहाँ एलोपैथी दवाएं फेल हो गयी थी वहीँ आयुर्वेद दवाओं ने किडनी की बीमारीयों के इलाज में यह साबित किया है कि आयुर्वेद की दवाएं न सिर्फ किडनी की बीमारी को रोकती है बल्कि ख़राब किडनी को भी काफी हद तक ठीक किया जा सकता है.
इन्ही सभी कारणों से किडनी के उपचार में आयुर्वेद दवाओं का प्रयोग करने किस सलाह अब तो एलोपैथी डॉक्टर्स भी देने लग गए हैं. सोसाइटी ओफ रीनल न्यूट्रीशियन एंड मेटाबोलिज्म के अन्तराष्ट्रीय सम्मलेन में किडनी के इलाज में आयुर्वेद का मुद्दा छाया रहा. ख़ासतौर से आयुर्वेदिक दवा नीरी केएफटी की किडनी की बीमारी को बढ़ने से रोकने और ख़राब किडनी को काफी हद तह मिली सफलता पर मुख्य चर्चा हुई.
एलोपैथी दवाइयों के बारें में सम्मलेन में आयें डॉक्टरों का कहना था कि एलोपैथी दवाइयां ख़राब किडनी को ठीक करना तो दूर किडनी को ख़राब होने से भी रोकने में सक्षम नही है इसलिए आयुर्वेद में 15 जड़ी बूटियों के प्रयोग से तैयार किये गए दवाई से इलाज किया जाता है जिससे किडनी के बीमारी को बढ़ने में रोकथाम तो करता है साथ ही खराब हुई किडनी को भी जड़ ठीक करता है
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