योग एक ऐसी क्रिया है जो हमारे शरीर के लिए वरदान की तरह काम करती है. योग हमारे जीवन से विकारों को दूर रखकर हमें निरोगी काया प्रदान करने का काम करता है. योग कईं प्रकार के होते हैं. शरीर के हर अंग के लिए एक योगासन निर्धारित है. लेकिन देखा यह गया कि जैसे-जैसे हम तकनीक और आधुनिकता की ओर बढ़ते चले गए वैसे-वैसे हम योग और उसके महत्व को भी भूल गए. आज हमारा जीवन व्यस्तताओं से भरा हुआ है. किसी के पास इतना समय नहीं कि वह अपने शरीर पर ध्यान दे, इसलिए धीरे- धीरे हर व्यक्ति का शरीर बीमारियों का घर बनता जा रहा है. ऐसे में योग की आवश्यकता है जो हमारे शरीर को स्वस्थ रखती है.
मंडूक आसन
हमारे शरीर में पेट की भूमिका बेहद अहम है, इसलिए कहा जाता है कि जिसका पेट जितना बेहतर होगा, उसकी काया उतनी ही सुंदर और आकर्षक होगी. आज हम आपको एक ऐसे आसन के बारे में बताएंगे, जो पेट के लिए बहुत प्रभावशाली है और पेट को स्वस्थ रखता है. इस आसन का नाम है - 'मंडूक आसन'.
कैसे करें यह आसन ?
मंडूक आसन को करने का तरीका बेहद आसान है.
1. सबसे पहले आप अपनी पिंडलियों के सहारे बैठ जाएं.( जैसा चित्र में दिया गया है)
2. फिर गहरी सांस भरकर अपने दोनों हाथों की हथेली को पेट के बीचों-बीच रख दें और शरीर के ऊपरी भाग को आगे की तरफ़ 30 सेकेंड से 1 मिनट तक ले जाकर रोकें.
3. समय पूरा होने के बाद आप हाथ की हथेलियों को हठाएं और वापस पहले जैसी मुद्रा में आ जाएं.
4. यही क्रिया 4-5 बार दोहराएं.
कब करें यह आसन ?
मंडूक आसन को हमेशा खाली पेट करना चाहिए अर्थात इस आसन को सुबह नित्यक्रिया के पश्चात् खाली पेट और शाम को खाली पेट ही करना चाहिए.
क्या हैं इस आसन के फायदे
'मंडूक' आसन मुख्यत: पेट संबंधी विकारों को दूर करने और पेट को क्रियाशील रखने के लिए किया जाता है. यह आसन पेट के विभिन्न भागों को प्रभावित करता है :-
1. आतें - इस आसन को करते वक्त जब हम दोनों हाथों को पेट पर रखते हैं तो हमारी आतें और आतों से जुड़ी नाड़िय़ां सक्रिय हो जाती हैं जिससे पेट में अटका या जमा हुआ मल बाहर आ जाता है.
2. लीवर - यह आसन हमारे लीवर के लिए भी बहुत प्रभावी है. इस आसन से लीवर में दाब बढ़ता है और लीवर पहले के मुकाबले अधिक क्रियाशील होकर काम करता है.
3. अग्नाश्य - मंडूक आसन आसन हमारे शरीर के अग्नाश्य यानि पैनक्रियाज़ को भी फायदा पहुंचाता है. इस आसन को नियमित रुप से करने पर अग्नाश्य पहले के मुकाबले और अधिक सक्रिय हो जाता है.
कब करें यह आसन ?
मंडूक आसन को हमेशा खाली पेट करना चाहिए अर्थात इस आसन को सुबह नित्यक्रिया के पश्चात् खाली पेट और शाम को खाली पेट ही करना चाहिए.
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