औषधीय फसलों की खेती में एलोवेरा की खेती को एक बेहतर विकल्प माना जाता है. इसके औषधीय गुणों के कारण इसका प्रयोग दवाई, हर्बल आदि के रूप में किया जाता है. इसकी मांग देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी खूब ज़ोरों पर है. वहीं इन दिनों इसका इस्तेमाल ज्यादातर सौंदर्य प्रसाधनों में किया जा रहा है. हालांकि मुख्य रुप से भारत में इसकी खेती राजस्थान मध्य प्रदेश में की जाती है, लेकिन इन दिनों देश के कई राज्यों के किसान एलोवेरा को व्यवसायिक खेती के तौर पर अपनाकर मुनाफा कमा रहे हैं. इसकी खेती में किसानों को कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ता है और इसमें से एक है एलोवेरा की ज्यादा पैदावार या लाभ देने वाली प्रजातियां.
एलोवेरा की ज्यादा पैदावार या लाभ देने वाली प्रजातियां.
ये है एलोवेरा की प्रमुख प्रजातियाँ
वैसे तो एलोवेरा की खेती के लिए कई प्रकार की प्रजातियों का इस्तेमाल किया जाता है. लेकिन व्यवसायिक खेती के तौर पर देखा जाए तो एलोय चीनेंसिस (Aloe Chinensis), एलोय लित्तोरालिस (Aloe Littoralis) और एलोय अब्यस्सिनिका (Aloe Abyssinica) सबसे अधिक लोकप्रिय माना जाता है. वहीं भारत में इसकी खेती के लिए कई अनेक उपजाऊ प्रजातियां मौजूद हैं और इनके नाम हैं आईईसी 111271, आईईसी 111269 तथा एएएल -1 हैं.
कैसे होगा लाभ :
जैसा कि हम सभी जानते हैं कि एलोवेरा औषधीय गुणों के कारण काफी लाभकारी माना जाता है. इन दिनों इसका प्रयोग अनेक प्रकार की दवाईयां बनाने में की जा रही है जिस कारण इसकी मांग काफी बढ़ रही है. इसके साथ ही इसका प्रयोग जेल और जूस बनाने के लिए भी किया जाता है. आज सिर्फ किसान ही नहीं बल्की कई अन्य युवा भी इसकी जूस और जेल का व्यवसाय करके मुनाफा कमा रहे हैं. एलोवेरा की खेती में लागत कम और मुनाफा ज्यादा है. एलोवेरा के ज़रिए दो प्रकार से मुनाफा कमाया जा सकता है, जैसे की इसकी पत्तियों गूद्दों को आयुर्वेदिक एवं हर्बल दवा निर्माता तथा सौंदर्य प्रसाधन निर्माता कंपनियों को बेच सकते हैं. या फ़िर आप एलोवेरा का प्रसंस्करण प्लांट लगाकर इसका जूस या जेल बनाने का व्यापार भी कर सकते हैं.
जिम्मी, कृषि जागरण
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