फूलों की खेती दतिया के कामद गांव के किसानों के लिए काफी ज्यादा लाभदायक साबित हो रही है। इस खेती से ना केवल किसानों को लाभ हो रहा है। नतीजन किसान भाई अब परंपरागत फसलों की जगह पर अब फूलों की खेती पर विशेष रूप से ध्यान देने लगे है। इसका परिणाम यह हो रहा है कि फूलों की खेती से किसान काफी ज्यादा मालामाल हो रहे है। पहले एक दो दर्जन किसान द्वारा फूलों की खेती का प्रयोग देखकर बाकी किसान भी अब इसकी ओर आकर्षित हो रहे है। फूलों की खेती इन किसानों के लिए काफी फायदेमंद भी साबित हो रही है। उद्यानों की तरफ बढ़े रूझान के चलते इन किसानों की माली हालत में भी काफी ज्यादा सुधार हुआ है। खरीफ की फसल में किसान गत तीन वर्षों से घाटा भी खा रहे है। किसानों को खेती करने में सबसे ज्यादा फायदा तब हुआ जब उन्होंने अपने रिश्तेदारों के यहां फूलों की खेती देखी है। रिश्तेदारों को देखकर कामद के किसान भी फूलों की खेती में काफी माहिर हो गए है।
किसानों को रहा मुनाफा
किसानों के इस प्रयोग के चलते सफल होने के बाद फूलों की खेती करने वाले किसानों की तादाद भी दिन-प्रतिदिन बढ़ती गई है जिसके चलते वर्तमान में दो दर्जन से अधिक किसान ने अपने खेतों में गेंदे की फसल को तैयार करवाया है। किसान खरीफ की फसलों में ज्यादा घाटा खा रहे थे लेकिन बाद में इस स्थिति में धीरे-धीरे सुधार हुआ है। इसके साथ ही किसान इस खेती के सहारे धीरे-धीरे जागरूक भी हो रहे है और कार्य करने के लिए प्रेरित हो रहे है।
उद्यानिकी विभाग नहीं ले रहा सुध
फूलों और सब्जियों की खेती की ओर हाथ बढ़ाने वाले किसानों को उद्निकी विभाग की योजनाओं का बिल्कुल भी लाभ नहीं मिल पा रहा है। ग्रामीण उद्यान विस्तार अधिकारी की सूरत की पहचान इन किसानों को नहीं है। सरकारी योजनाओं का लाभ लेना तो बेहद ही दूर की बात है। अगर उद्यानिकी विभाग के अधिकारी तरीके से किसानों की मदद करें तो कामद गांवों में भी फूल की खेती लहरा सकती है। इसके सहारे किसानों को ज्यादा फायदा होने की उम्मीद है।
किशन अग्रवाल, कृषि जागरण
Share your comments