Mango: गर्मियों के आते ही बाजार में तरह-तरह के आम मिलने लगते हैं, और इसलिए आम के शौकिन लोगों को गर्मियों का बेसब्री से इंतजार रहता है. और रहे भी तो क्यों ना? फलों के राजा से शेक, आम पापड़, अचार जैसे ना जाने कितने स्वादिष्ट व्यंजन जो बनाए जाते हैं. वैसे हमारे देश के लगभग सभी राज्यों में आमों की तरह-तरह की किस्में पाई जाती हैं. लेकिन, इन सभी राज्यों में से बिहार एक ऐसा राज्या हैं. जहां लगभग हर जिले की पहचान वहां के एक खास आम से होती है, और इसलिए बिहार के लोग आम को सूंघकर भी बता सकते हैं कि आम मीठा है या नहीं.
कृषि विभाग के अनुसार बिहार में 12 जिलों की पहचान 12 अलग-अलग किस्म के आमों से होती है. इसलिए आज के इस आर्टिकल में हम आपको बिहार के 38 जिलों में से 12 ऐसे जिलों के बारे में बताएंगे जिनकी पहचान आम से होती है. इसके अलावा यहां के किसान आम की खेती कर खूब मुनाफा भी कमाते हैं.
भागलपुर का जर्दालु
भागलपुर जिले में उत्पादित होने वाला ‘जर्दालु आम’ अपनी अनोखी खुशबू और मिठास के कारण देश में ही नहीं, बल्कि दुनियाभर में प्रसिद्ध है. इसलिए जर्दालु आम को साल 2018 में भागलपुर के भौगोलिक संकेतक यानी जीआइ टैग प्रदान किया गया. इस आम की गुठली काफी पतली होती है और गूदे में रेशा न के बराबर होता है.
सीतामढ़ी का बंबइया
सीतामढ़ी का बंबइया आम पूरे देश में प्रसिद्ध है. लंगड़ा या मालदा के मुकाबले यह जल्दी पकने वाली आम की किस्म है. बंबइया आम मध्यम मिठास वाला बिना रेशे वाला गूदा और सुगंध में तीव्र होता है.
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सुपौल का गुलाबखास
बिहार के सुपौल जिले में उत्पादित होने वाला गुलाबखास आम के नाम में पहले से ही खास जुड़ा हुआ है. इससे ही आप इस आम के स्वाद का अंदाजा लगा सकते हैं. इस आम के छिलके के एक हिस्से पर हल्का गुलाबी रंग दिखता है इस वजह से इसका नाम गुलाबखास है.
बक्सर का चौसा
बिहार के बक्सर जिले का फेमस चौसा आम स्वाद के मामले में यह अन्य किस्म के आमों की अपेक्षा थोड़ा अलग होता है. इस आम के छिलके पीले होते हैं और इसके फल का आकार काफी बड़ा होता है. इसके अलावा यह देर से पकने वाली आम की एक किस्म है.
समस्तीपुर का बथुआ
समस्तीपुर के आसपास के क्षेत्रों में बथुआ आम के बगीचे बहुतायत में पाये जाते हैं. इस आम को कुछ जगहों पर कंचन मालदा आम के नाम से भी जाना जाता है. क्योंकि आम की यह किस्म पकने पर सुनहले रंग की हो जाती है.
दरभंगा का कलकतिया
यह आम कोलकता में काफी प्रसिद्ध होने के कारण कलकतिया के भी नाम से जाना जाता है. इस आम को कलकतिया के अलावा हेमसागर के नाम से भी जाना जाता है.
मधुबनी का कृष्णा भोग
मधुबनी की कृष्णा भोग आम बिहार की खास आम किस्मों में से एक है. यह आम पकने पर सुनहरा रंग का हो जाता है, और खाने में बेहद स्वादिष्ट होता है.
मधेपुरा और कटिहार का मालदा
मधेपुरा और कटिहार का मालदा आम, बिहार के आमों की प्रसिद्ध किस्मों में से एक है. आम के इस किस्म की खास बात यह है कि यह पकने के दौरान भी अपने हरे रंग का रंग बरकरार रखती है.
मुंगेर का चुरम्बा मालदा
मुंगेर के चुरम्बा मालदा आम को बिहार में आम का राजा माना जाता है. मुंगेर के हर बगीचे में चुरम्बा मालदा आम का पेड़ नजर आता हैं. यहां के आमों की बिहार सहित अन्य राज्यों में डिमांड है.
पटना का दुधिया मालदा
पटना जिले का दूधिया मालदा आम अपनी मिठास, सुगंध, गूदे की भरपूर मात्रा, और पतली गुठलियों और छिलकों के लिए जाना जाता है.
पश्चिम चंपारण का जर्दा
पश्चिम चंपारण का जर्दा आम देखने में जर्दालु आम की तरह ही होता है. इसका गूदा रसीला होता है और इसकी सुगंध भी खास होती है. यह आम पकने पर पीला होने की वजह से जर्दा कहलाता है.
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