उत्तराखंड राज्य में बंजर भूमि पर अब लिलियम के फूल लहला रहे है. आज लिलियम के फूल बंजर होती जमीन के बीच किसानों की आमदनी के लिए नए द्वार खोल रहे है. दरअसल लिलियम का फूल आबोहवा का एक बेहद ही खूबसूरत फूल होता है. दुनिया में ट्यूलिप के फूल के बाद लिलियम एक ऐसा फूल है जिसकी मांग सबसे अधिक होती है. यह फूल सबसे ज्यादा सजावट में काम आता है, जिसकी वजह से बाजार में इसकी अच्छी कीमत मिल जाती है. दुनिया भर में इस फूल की खेती काफी अधिक मात्रा में की जाती है. इसके बल्ब को हॉलैंड से मंगवाया जाता है. भारत इसके 15-20 लाख बल्बों का हॉलैंड से आयात करता है.
लिलियम की खेती
लिलियम के फूल की खेती के लिए देश में जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड की जलवायु काफी उत्तम मानी जाती है. अब यह लिलियम का फूल देश के अन्य हिस्सों जैसे - पंजाब और हरियाणा के किसान भी अब इस फूल की खेती को तेजी से कर रहे है. यह फूल सिर्फ 70 दिनों के अंदर ही बागवानी में किसानों के लिए फायदेमंद साबित हो रहा है. इसके एक एकड़ में 90 हजार से एक लाख फूल आराम से तैयार हो जाते है. उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के गांव हड़ौली के किसान पिछले कई सालों से लिलियम की खेती कर रहे है. अगर बाजार की बात करें तो 40 से 50 रूपये एक फूल की कीमत है. लिलियम की खेती से बेरोजगार किसानों को अपनी आमदनी को बढ़ाने में काफी ज्यादा फायदा होगा.
गढ़वाल में हो रही है खेती
लिलियम के फूल की खेती सुमित गडवाल और भिवानी जिले के किसान राजेश करने की कोशिश कर रहे है. हरियाणा के रहने वाले इन किसानों ने सात से आठ एकड़ में लिलियम की खेती को करने का कार्य किया है. राजेश के मुताबिक उन्हें पारंपरिक खेती से ज्यादा आमदनी प्राप्त नहीं हो पा रही थी, उसके बाद उन्होंने लिलियम की खेती के बारे में सुना और इंटरनेट के जरिए जानकारी प्राप्त की. इसके बाद वह हिमाचल में जाकर लिलियम की खेती कर रहे किसानों से प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे है. गौरतलब है कि आज दुनिया भर में अलग-अलग प्रकार की फूलों की खेती बढ़ती जा रही है जिससे किसानों को काफी फायदा भी होता है.
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