अमरूद भारत के सबसे लोकप्रिय फलों में से एक है. कई लोग अपने बगीचे में आम व अमरूद के पौधे लगाते हैं. जब इसके पौधे पेड़ का रूप धारण कर लेते हैं तो कुछ लोग अमरूद को बेचकर भी अच्छा खासा पैसा कमा लेते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि ऐसे कई कीड़े हैं जो अमरूद के पेड़ों व फलों को बर्बाद कर सकते हैं. अगर नहीं, तो आज हम आपको इसके बारे में बताने जा रहे हैं. तो आइये उन कीड़ों और उनसे बचाव के बारे में जानें.
इस तरह के लगते हैं अमरूद में कीड़ें
अमरूद फल मक्खी (बैक्ट्रोसेरा करेक्टा): यह फल मक्खी अमरूद के फल में अंडे देती है, जिससे अमरूद को नुकसान होता है और यह खाने के योग्य नहीं रह जाता है.
अमरूद कीट (आर्गिरेस्टिया यूजेनिएला): इस कीट के लार्वा अमरूद के फल को खाते हैं, जिससे आंतरिक क्षति होती है. जिसके बाद अमरूद सड़ने लगते हैं.
माइलबग्स: ये छोटे और मुलायम शरीर वाले कीड़े होते हैं. जो अमरूद की पत्तियों के रस को चूसते हैं. इससे उनमें पीलापन और मुरझाहट देखने को मिलता है. इसके साथ ही, ये कीड़े अमरूद के विकास को भी रोक देते हैं.
स्केल कीड़े: स्केल कीड़े छोटे और गतिहीन कीड़े होते हैं जो अमरूद के पेड़ों की पत्तियों और तनों से जुड़ जाते हैं. वे पौधे के रस को चूसते हैं. इससे भी पत्तियां पीली पड़ जाती हैं. फिर मुरझाने भी लगती हैं. इसके अलावा, इन कीड़ों से पेड़ के स्वास्थ्य को भी नुकसान पहुंचता है.
एफिड्स: एफिड्स छोटे और नाशपाती के आकार के कीड़े होते हैं. जो अमरूद की पत्तियों और तनों के रस को अपना भोजन बना लेते हैं. वे तेजी से प्रजनन करते हैं और पत्तियों के मुड़ने व विकास को रोकने का काम करते हैं.
सफेद मक्खियां: सफेद मक्खियां वैसे तो छोटे आकार की होती हैं. लेकिन यह अमरूद को बड़ा नुकसान पहुंचाने का काम करती हैं. इस तरह के कीड़े अमरूद की पत्तियों से रस चूसते हैं. भारी संक्रमण के कारण पत्तियां पीली पड़ने के साथ मुरझा जाती हैं. इनके असर से पत्तियों पर काली कालिखदार फफूंद की वृद्धि भी होती है.
यह भी पढ़ें- Lemon Crop Disease: नींबू को पूरी तरह से तबाह कर सकते हैं यह खतरनाक रोग, जानें कैसे होगा बचाव
इस तरह से करें बचाव
* पेड़ से संबंधित मुद्दों के विशेषज्ञ मुकेश राठी बताते हैं कि कीड़ों के संक्रमण को दूर रखने के लिए नियमित रूप से अपने अमरूद के पेड़ों का निरीक्षण करें.
* कीड़ों के प्रसार को रोकने के लिए पेड़ से सभी संक्रमित शाखाओं या फलों को काटकर हटा दें.
* विशेषज्ञों के निर्देशों का पालन करते हुए पेड़ों के लिए विशेष रूप से तैयार किए गए जैविक कीटनाशकों का उपयोग करें. इसके साथ यह सुनिश्चित करें कि इन्हें अनुशंसित समय के दौरान लगाया जाए. इसके अलावा, फूल आने के दौरान या फल आने पर छिड़काव करने से बचें.
* लेडीबग्स और लेसविंग्स जैसे लाभकारी कीड़ों को प्रोत्साहित करें. जो स्वाभाविक रूप से एफिड्स और माइलबग्स जैसे कीटों का शिकार करते हैं. आप पास में गेंदा या डिल जैसे पौधे लगाकर उन्हें आकर्षित कर सकते हैं.
* पेड़ के चारों ओर गिरी हुई पत्तियों, फलों और मलबे को हटाकर स्वच्छता बनाए रखे. क्योंकि वे कीटों को बढ़ाने का काम कर सकते हैं.
* फल मक्खियों और अन्य उड़ने वाले कीड़ों से बचाने के लिए कीट जाल जैसी चीजों का उपयोग करने पर विचार करें.
निष्कर्ष- यह स्टोरी अमरूद में लगने वाले कीड़ों व उनसे बचाव पर निर्धारित है. इसमें बीमारियों व उनसे बचाव को लेकर अलग-अलग विशेषज्ञों की विभिन्न राय हो सकती हैं.
Share your comments