ऐसे में अगर आप घर में एक बगीचा लगाने में रुचि रखते हैं, तो आपको स्टोर से खरीदने के बजाय अपना खुद का खाद बनाने पर विचार करना चाहिए. घर पर खाद बनाना पैसे बचाने, अपने पौधों को स्वस्थ रखने और पर्यावरण को संरक्षित करने का एक अच्छा तरीका है. न केवल घरेलू उर्वरक टिकाऊ और पर्यावरण के अनुकूल हैं बल्कि वे रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों पर आपकी निर्भरता को भी कम करते हैं और मिट्टी की संरचना में सुधार करते हैं जिससे आपके पौधों में कठोर मौसम की स्थिति के सामना करने की क्षमता बढ़ जाती है. ऐसे में चलिए जानते हैं घर पर कुछ अनोखे घरेलू उर्वरकों को बनाने की विधि...
घास की कतरनें- घास की कतरनों का उपयोग एक उत्कृष्ट नाइट्रोजन युक्त घरेलू खाद बनाने के लिए किया जा सकता है. इसके लिए आपको घास की कतरनों की चाय बनानी होगी. इसे बनाने के लिए सभी घास की कतरनों को एक बड़ी बाल्टी में इकट्ठा करें और इसे पानी से भर दें. इसे तब तक डूबा रहने दें जब तक कि पानी का रंग बदल ना जाएं. इस मिश्रण को अपने पौधों में पानी देते समय छिड़काव करें.
घास की कतरन से मल्च भी बनाया जा सकता है और इसकी एक पतली परत सीधे पौधे के नीचे लगाया जा सकता है. घास की कतरनें नाइट्रोजन का एक समृद्ध स्रोत हैं जो पौधे को जीवंत और स्वस्थ पत्ते उगाने में मदद करती हैं. हालांकि, यह पौधे की फूल और फल उगाने की क्षमता को भी बाधित कर सकता है. इसलिए, इसे बहुत बार मिट्टी में नहीं लगाना चाहिए.
एप्सम सॉल्ट, बेकिंग पाउडर और अमोनिया- एप्सम सॉल्ट (मैग्निशियम सल्फेट), बेकिंग पाउडर और अमोनिया घर पर किफायती फर्टिलाइजर बना सकते हैं. एप्सम नमक मैग्नीशियम और सल्फर का एक समृद्ध स्रोत है. पौधों को मिट्टी से पोषक तत्वों को अवशोषित करने और स्वस्थ पत्ते बनाने के लिए मैग्नीशियम और सल्फर की आवश्यकता होती है. बेकिंग पाउडर पौधे को कवक रोग विकसित होने से बचाता है और अमोनिया एक स्वस्थ जड़ प्रणाली के विकास को बढ़ावा देने में सहायता करता है.
पानी से भरे एक 5 लीटर प्लास्टिक का जग लें और उसमें 2 बड़े चम्मच एप्सॉन नमक, 2 बड़े चम्मच बेकिंग पाउडर और एक चम्मच अमोनिया मिलाएं. जग को पानी से भरें, इसे अच्छी तरह मिलाएं और इसे अपने पौधों के आधार पर लगाने से पहले आधे घंटे के लिए आराम दें.
फिश टैंक वॉटर फर्टिलाइजर- अगर आप अपने घर के अंदर मछली रखते हैं तो फिश टैंक में मौजूद पानी को फर्टिलाइजर के तौर पर इस्तेमाल कर सकते हैं. मछली टैंक का पानी जहां मीठे पानी की मछलियां रखी जाती हैं, नाइट्रोजन का एक समृद्ध स्रोत होता है. उस फिश टैंक के पानी का उपयोग न करें जिसका उपयोग खारे पानी की मछलियों को रखने के लिए किया जाता है.
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Disclaimer:इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य जानकारियों और कुछ मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. इसको अमल में लाने से पहले कृषि विशेषज्ञों की सलाह जरूर लें.
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