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फूलो की खेती से खुलेगा किसानों के तकदीर का पिटारा

हिमांचल प्रदेश में अब फूलो खेती किसानो कि तकदीर बदलेगी। फूल की खेती करके किसान बेहतर मुनाफा कमा सकता है. फूलो कि खेती के लिए सरकार ने पुष्प क्रांति योजना चालू किया है. सरकार ने फूलो की खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने 150 करोड़ रुपये की एक पंचवर्षीय महत्वाकांक्षी योजना बनाई गई है. इस योजना के तहत किसानो को फूलो कि खेती के लिए किसानो को प्रेरित किया जायेगा।

हिमांचल प्रदेश में अब फूलो खेती किसानो कि तकदीर बदलेगी। फूल की खेती करके किसान बेहतर मुनाफा कमा सकता है. फूलो कि खेती के लिए सरकार ने पुष्प क्रांति योजना चालू किया है. सरकार ने फूलो की खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने 150 करोड़ रुपये की एक पंचवर्षीय महत्वाकांक्षी योजना बनाई गई है. इस योजना के तहत किसानो को फूलो कि खेती के लिए किसानो को प्रेरित किया जायेगा।

इस योजना को प्रभावी ठंग चलाने के लिए बागवानी विभाग ने नोडल एजेंसी बनाई है. इस योजना के तहत फूलो के व्यावसायिक खेती और सजावटी पौधों कि खेती को प्रोत्साहन दिया जायेगा। जिससे यहां के लोगो को रोजगार मिलेगा और साथ ही हिमाचल प्रदेश एक पुष्प राज्य के रूप में उभरेगा. नियंत्रित वातावरण में ग्रीन हाउस तकनीक के माध्यम से फूलों की खेती को बढ़ावा दिया जाएगा और फूलों की उपज को राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय स्तर की मंड‍ियों ले जाने के विशेष प्रबंध किए जाएंगे जिससे किसानो को फूलो के बेहतर दाम मिल सकें.

हिमाचल प्रदेश की प्रमुख फूल

गेंदा, गुलाब, ग्लैडियोलस, गुलदाउदी, कारनेशन, लिलियम, जरबैरा तथा अन्य मौसमी फूल इस समय प्रदेश में उगाए जा रहे हैं. हिमाचल प्रदेश में कट फूलो का उत्त्पादन लगभग 16.74 करोड़ रूपये का हो रहा है. गेंदा और गुलदाउदी आदि फूल जो खुले में बिकते है. हिमांचल प्रदेश में खुले में बिकने वाले फूलो का लगभग 12347 मीट्रिक टन का उत्पादन हो रहा है.

पुष्प क्रान्ति योजना में ग्रीन हाउस तथा अन्य नियंत्रित व्यवस्था जैसे शेड नेट हाउस स्थापित करने के लिए कृषकों को प्रोत्साहन दिया जाएगा जिससे वे विदेशी फूलो का भी उत्त्पादन कर सके प्रदेश में एलस्ट्रोमेरिया, लिमोनियम, आइरिस, ट्यूलिप तथा आर्किड जैसे फूलों की किस्मों को उगाने की व्यापक संभावनाएं हैं.

English Summary: Farmers 'fate will get from farmers' farming Published on: 03 November 2018, 04:08 IST

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