हमारा आज का यह लेख ख़ास बागवानों और उन किसानों के लिए है जिन्होंने फल वाले पेड़ों की खेती की है या बाग लगाए हैं. इस समय बहुत से ऐसे फल के पेड़ होंगे जिनमें फूल आ चुके हैं या आने वाले हैं. इस खास अवस्था के लिए बागवानों को सचेत रहना चाहिए और जरूरी बातों पर ध्यान देना चाहिए.
विशेषज्ञों की मानें तो बागवानों (gardeners) और किसानों (farmers) को इस अवस्था में (फूल आने के बाद) किसी भी तरह का रासायनिक छिड़काव (chemical spray) नहीं करना चाहिए. अगर बागवान फूल आने के बाद किसी भी रसायन का छिड़काव करते हैं, तो इससे फसल पर घातक प्रभाव पड़ सकता है. ऐसा करने पर फूल झड़ सकते हैं और अगर फूल ही नहीं रहेंगे, तो फल भी नहीं बन पाएंगे.
इसका सीधा असर उत्पादन पर पड़ता है. अब किसान या बागवान इस बात का अंदाजा लगा सकते हैं कि फल न बनने से उत्पादन पर कैसा प्रभाव पड़ेगा. वहीं अगर उत्पादन कम हुआ तो बागवानों की मेहनत पर पानी फिर सकता है.
इसके साथ ही ऐसे बागवान जिन्होंने दिसंबर से लेकर जनवरी तक के बीच अभी तक बागों में सड़ी गोबर की खाद और उर्वरक (fertilizer) नहीं डाला है, वे इस समय इसे जरूर डाल दें. ऐसा इसलिए क्योंकि हाल ही में हुई बारिश की वजह से सभी खेतों और बागों में अच्छी नमी बन चुकी है.
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मार्च में होने वाले कृषि कार्यों (march farming) में यह कार्य भी किसान ज़रूर करें.
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