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भारत सरकार द्वारा किसानों को दी जाने वाली सुविधाएं

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अन्तर्गत किसानों को बीमा कम्पनियों द्वारा निश्चित खरीफ की फसल के लिए 2 प्रतिशत प्रीमियम और रबी की फसल के लिए 1.5 प्रतिशत प्रीमियम का भुगतान करेगा अभी कर्ज लेने वाले किसानों के लिये फसल बीमा लेना जरूरी है। नई योजना सभी किसानों के लिए होगी पूरे राज्य में कोई एक ही बीमा कम्पनी स्कीम लागू करेगी।

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना :-

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अन्तर्गत किसानों को बीमा कम्पनियों द्वारा निश्चित खरीफ की फसल के लिए 2 प्रतिशत प्रीमियम और रबी की फसल के लिए 1.5 प्रतिशत प्रीमियम का भुगतान करेगा अभी कर्ज लेने वाले किसानों के लिये फसल बीमा लेना जरूरी है। नई योजना सभी किसानों के लिए होगी पूरे राज्य में कोई एक ही बीमा कम्पनी स्कीम लागू करेगी।

प्राइम मिनिस्टर क्राप इन्श्योरेंस स्कीम पूरी तरह से किसानों के हित को ध्यान में रखकर बनाई गई है। प्राकृतिक आपदाओं से किसान को होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए सरकार ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना शुरू की है। इसमें प्राकृतिक आपदाओं के कारण खराब हुई फसल के खिलाफ किसानों द्वारा भुगतान की जाने वाली बीमा की किस्तों को बहुत कम रखा गया है। जिनका प्रत्येक स्तर का किसान आसानी से भुगतान कर सकें।

ये योजना न केवल खरीफ और रबी की फसलों को बल्कि वाणिज्यिक और बागवानी फसलों के लिए भी सुरक्षा प्रदान करती है। वार्षिक वाणिज्यिक और बागवानी फसलों के लिए किसानों को 5 प्रतिशत प्रीमियम किस्त का भुगतान करना होगा। फसल नुकसानी का आंकलन करने के लिए नई फसल योजना में आधुनिक टेक्नालाजी के उपयोग का प्रावधान किया गया है।

इससे फसल कटाई व नुकसान का आंकलन शीघ्र और सही-सही हो सकेगा तथा किसान को दावा राशि त्वरित रूप से मिल सकेगी। रिमोट सेन्सिंग के माध्यम से फसल कटाई प्रयोगों की संख्या कम हो जाएगी। फसल कटाई प्रयोग के आंकड़े तत्काल स्मार्टफोन के माध्यम से अपलोड करवाएं जायेंगे।

मुख्य बिन्दु

(।) इस योजना को खरीफ मौसम सन् 2016 से शुरू किया गया है।

(A) इसके अन्तर्गत सभी प्रकार की फसलों रबी, खरीफ, वाणिज्यिक और बागवानी की फसले शामिल किया गया है।

(B) खरीफ में धान, अनाज, दलहन एवं तिलहन की फसलों के लिए 2 प्रतिशत प्रीमियम का भुगतान किया जायेगा।

(C) रबी में गेंहूँ, अनाज, दलहन एवं तिलहन की फसल के लिए 1.5 प्रतिशत प्रीमियम का भुगतान किया जाएगा।

(D) वार्षिक वाणिज्यिक और बागवानी फसलों बीमा के लिये 5 प्रतिशत प्रीमियम का भुगतान किया जाएगा।

(E) सरकारी सब्सिडी पर कोई उपरी सीमा नहीं है। यदि बचा हुआ प्रीमियम 90 प्रतिशत होता है तो सरकार द्वारा वहन किया जाएगा।

(F) शेष प्रीमियम बीमा कम्पनियों को सरकार द्वारा दिया जायेगा। ये राज्य तथा केन्द्रिय सरकार में बराबर-बराबर बाँटा जाएगा।

(G) किसानों के लिए यह अब तक की सबसे कम प्रीमियम दर होगी शेष भारत सरकार द्वारा वहन किया जाएगा 90 प्रतिशत से ज्यादा होने पर भी।

(H) बीमा पर कोई कैपिंग नहीं होगी और इसके कारण दावा राशि में कमी या कटौती भी नहीं होगी।

(I) पहली बार जल भराव के स्थानीय जोखिम में शामिल किया गया है।

(J) पहली बार देश भर में फसल कटाई के बाद चक्रवात एवं बेमौसम बारिश का जोखिम भी शामिल किया गया है।

(K) पहली बार सही आंकलन और शीघ्र भुगतान के लिये मोबाइल और सेटेलाइट टेक्नोलॉजी के व्यापक उपयोग पर जोर दिया गया है।

(L) पहले की योजनाओं में अधिक प्रीमियम हेने पर बीमित राशि की सीमा तय करने से नुकसान होने पर भरपाई रकम भी कम हो जाया करती थी, इसलिये नई योजना में इस प्रावधान को समाप्त कर दिया गया है। अब किसानों को बीमित राशि की पूरी रकम के अनुसार पूरा हर्जाना मिल सकेगा।

जो जोखिम कवर किए गए है

- संरक्षित बुआई के आधार पर अगर बीमित किसान बुआई या रोपाई के लिये खर्च करने के बावजूद खराब मौसम की वजह से बुआई रोपाई नहीं कर सकते तो वे बीमित राशि 25 प्रतिशत तक नुकसान का दावा ले सकेंगे।

- फसल कटाई के बाद रखी फसल को चक्रवात, बेमौसम बारिश और स्थानीय आपदा जैसे ओलो, जमीन, धँसने और जलभराव से होने वाले नुकसान का अंदाजा प्रभावी खेत के आधार पर किया जायेगा और इसके अनुसार किसानों के नुकसान का आंकलन करके दावे तय किए जाएंगे

- उपज नुकसान के आधार पर इस योजना में आग लगने के अलावा बिजली गिरने, तुफान, ओला पड़ने, चक्रवात, अंधड़, बवंडर, बाढ़, जल-भराव, जमीन धँसने, सूखा, खराब मौसम, कीट एवं फसल को होने वाली बीमारियां आदि जोखिम से फसल को होने वाले नुकसान को शामिल कर ऐसा बीमा कवर दिया जाएगा, जिसमें इनसे होने वाले सारे नुकसान से सुरक्षा प्रदान की जायेगी

- नई बीमा योजना में यह नियम बनाया गया है कि फसल कटाई के बाद खेत में पड़ी हुई फसल को 14 दिन के भीतर चक्रवात और बेमौसम से नुकसान होने पर भी खेतवार आंकलन करके भुगतान किया जाएगा।

- बीमा की नई फसल की खराब मौसम के कारण बुआई या रोपाई न कर पाने पर बीमा मूल्य राशि का 25 फीसदी तक सीधे किसान के खाते में जमा करने का प्रावधान किया गया है।

बीमा की निर्धारित तिथियाँ:

- ऋणी किसान हेतु स्वीकृत ऋण राशि एवं अऋणी किसान के प्रस्ताव पत्र बैंक में जमा करने हेतु खरीफ में 1 मई से 16 अगस्त तक रबी में 15 सितम्बर 15 जनवरी तक।

- बैंकों से बीमा कम्पनी को घोषणा-पत्र में भेजने के अंतिम तिथि खरीफ में 30 सितम्बर तक रबी 28 फरवरी तक।

- किसानों के खाते से कटे प्रीमियम को बीमा कम्पनी को जमा करने के अंतिम तिथि खरीफ में ऋणी किसानों के 15 सितम्बर एवं अऋणी किसानों के 22 अगस्त। रबी में ऋणी किसानों के लिए 15 फरवरी एवं अऋणी किसानों के लिए 22 जनवरी।

- पैदवार के आंकड़े प्राप्त करने की अंतिम तिथि खरीफ में 31 जनवरी एवं तुअर कपास फसल के लिए 31 मई रबी में 30 जून।

 

रवीन्द्र नाथ चौबे

प्रगतिशील एवं सम्मानित किसान सेवा केन्द्

डाक बंगला के सामने, बाँसडीह

जिला-बलिया (उ0प्र0)

मो0- 09453577730032

English Summary: Facilities to be given to the farmers by the Government of India Published on: 12 February 2018, 06:21 IST

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