हाल ही में बिहार कृषि विश्वविद्यालय (बीएयू) ने एक नई खोज की है. संस्थान ने अपनी कड़ी मेहनत और लगन से आम के बागवानों को एक अच्छी खबर दी है. बिहार कृषि विश्वविद्यालय ने कुछ ऐसे आम के पौधे तैयार किए हैं जो किसानों के लिए वरदान साबित हो सकते हैं, खासतौर से बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के बागवानों के लिए.
BAU के वैज्ञानिकों की मानें तो तैयार किए गए ये नए पौधे अब पानी लगने के बाद भी खराब नहीं होंगे. इसका मतलब यह है कि अगर आम का कोई पेड़ लम्बे समय तक पानी में डूबा हुआ है, या उसमें पानी ज़्यादा लगा हुआ है, तो वह न तो सूखेगा और न ही खराब होगा. आमतौर पर यह पाया जाता है कि पौधे या पेड़ ज़्यादा समय तक अगर पानी में रहते हैं तो उनमें या तो सड़न हो जाती है या फिर किसी तरह का कीट और रोग लग जाते हैं. वहीं इन नए आम के पौधों के साथ ऐसा बिलकुल नहीं है. इन्हें तैयार करने में लगभग दो साल का समय लगा है.
बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लिए वरदान
बिहार कृषि विश्वविद्यालय (Bihar Agricultural University) की इस नई देन से किसानों की आम की फसल (mango farming) अब पानी की वजह से बर्बाद नहीं होगी. जहां बाढ़ की समस्या है, वहां किसान या बागवान इन ख़ास पौधों को लगाकर अपना नुकसान बचा सकते हैं और अपना पूरा मुनाफ़ा ले सकते हैं. अगर पौधे का 75 फीसदी भाग भी पानी में डूबा रहता है, तो भी वह सुरक्षित रहेगा. विशेषज्ञों के मुताबिक इन पौधे से तैयार पेड़ एक महीने तक पानी में रहने के बाद भी किसी भी तरह की क्षति से बचे रह सकते हैं.
किसानों को जल्द ही उपलब्ध कराए जाएंगे ये पौधे
रिपोर्ट्स के मुताबिक बीएयू के वैज्ञानिक इस रिसर्च को पूरा कर चुके हैं. अब जल्द ही किसानों और बागवानों को इस तरह के पौधे उपलब्ध कराने की तैयारी की जाएगी. ख़ास बात यह है कि भागलपुर और कोसी के साथ ही देश की बाकी जगह भी बागवान इसे लगा सकते हैं, खासतौर से बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में खेती करने वाले किसान और बागवान इसका लाभ ले सकते हैं.
ये भी पढ़ें: बागवान ने एक ही पेड़ पर उगाए 250 अलग-अलग किस्म के सेब, आप भी जानें तरीका
Share your comments