कुत्ते इंसानों के आदि काल से सबसे खास दोस्त रहे हैं. इंसान के हर भाव को जिस तरह कुत्ते समझ लेते हैं, शायद ही कोई और जीव समझ पाए. विशेषज्ञों की भी यही राय है कि अपने मालिक को कुत्ता हर मुश्किल से बचाने का प्रयास करता है. वो इंसान के दु:ख-सुख को समझ सकता है. लेकिन अक्सर देखा जाता है कि कुत्तों के व्यवहार को इंसान नहीं समझ पाता. कई बार तो खुद पालने वाले को भी नहीं पता लगता कि कुत्ते ऐसा व्यवहार क्यों कर रहे हैं.
कई रिसर्च में ऐसी बातें सामने आई हैं कि कुत्तों को कोई बीमारी होती है, लेकिन मालिक उसे समझने में असफल रहता है. चलिए आज हम आपको कुत्तों में होने वाली बीमारी और उसके लक्षण के बारे में विस्तार से बताते हैं.
कुत्तों में बीमारी के लक्षण (Signs of illness in dogs)
अगर आपका कुत्ता अचानक ही अपने व्यवहार को बदलना शुरू कर देता है, तो आपको गंभीर हो जाना चाहिए. अगर वो खांसने, छींकने या कम पानी पीना शुरू कर दे, तो बिना किसी देरी के डॉक्टर के पास लेकर जाएं. उसके भोजन पर खास ध्यान दें.
क्या कहते हैं कुत्तों के मसूड़े? (What do dog gums say?)
आपके पालतू कुत्तों के मसूड़े उसके सेहत के बारे में आपको आगाह करते हैं. अगर मसूड़ों का रंग पीला, नीला या सफेद हो तो डॉक्टर से संपर्क करें.
ठंड का आभास करना (Feeling cold)
अगर आपके कुत्ते को सामान्य मौसम में या गर्मी के दिनों में भी ठंड लग रही है और वो कांप रहा है तो आपको सचेत हो जाना चाहिए. अगर मूंह से लार बह रही है या वो कंपन के साथ दर्द महसूस कर रहा है तो ये बीमारी के लक्षण हैं.
बरसात में रखें खास ख्याल (Take special care in the rain)
विशेषज्ञों की मानें तो बरसात के मौसम में कुत्तों का खास ख्याल रखा जाना चाहिए. इन्हें इंफेक्शन का खतरा अन्य जानवरों के मुकाबले अधिक रहता है. अक्सर देखा जाता है कि बरसात के दिनों में ये बीमार पड़ जाते हैं. इस दौरान रेबीज़, मैगट्स, पारवो, कैनाइडिस्टेबर और लिप्रोस्पोरॉसिस नामक बीमारियां फैलती हैं.
बचाव के लिए क्या करें (What to do to protect)
अपने पालतू कुत्ते को आवारा कुत्तों से दूर रखें. इन्हें भीगने से बचाएं और खानपान का विशेष तौर पर ध्यान रखें. कुत्तों को जहां रखा जा रहा है, उस जगह की साफ-सफाई का खास ख्याल रखें और गंदगी न होने दें.
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