अगर पशुपालक अपनी आमदनी बढ़ाना चाहते हैं, तो वह टोडा भैंस का पालन कर सकते हैं. यह भैंस आमदनी बढ़ाने का एक अच्छा साधन बन सकती है. यह मुख्यतः तामिलनाडू के नीलगिरी पहाड़ियों पर पाई जाती है. आइए आपको टोडा भैंस संबंधी विशेष जानकारी देते हैं.
भैंस की संरचना (Structure of buffalo)
इस नस्ल का रंग हल्का या गहरे सलेटी रंग का होता है. इनका शरीर छोटा और मुंह चौड़ा होता है, तो वहीं माथा चौड़ा, सींग व पूंछ लंबी और छोटी होती है और टांगे मजबूत होती हैं. यह एक ब्यांत में औसतन 500 लीटर दूध दे सकती है.
टोडा भैंस की खुराक (Toda Buffalo Supplements)
भैंस की इस नस्ल को ज़रूरत के अनुसार ही खुराक दी जाती है. इन्हें फलीदार चारा खिलाने से पहले उनमें तूड़ी या अन्य चारा मिलाया जाता है, ताकि अफारा या बदहजमी ना हो. इसके साथ ही आवश्यक खुराकी तत्व उर्जा, प्रोटीन, कैलशियम, फास्फोरस और विटामिन ए है.
दाना- मक्की, गेहूं, जौं, जई और बाजरा
तेल बीजों की खल- मूंगफली, तिल, सोयाबीन, अलसी, सरसों और सूरजमुखी
बाइ प्रोडक्ट- गेहूं का चोकर, चावलों की पॉलिश और बिना तेल के चावलों की पॉलिश
धातुएं- नमक और धातुओं का चूरा
सस्ते खाद्य पदार्थ- खेती उदयोगिक और जानवरों के बचे कुचे का प्रयोग
अन्य खुराक (other supplements)
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शराब के कारखानों के बचे कुचे दाने
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खराब आलू
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मुर्गियों की सूखी बीठें
शैड की आवश्यकता (Need for shade)
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पशुओं को बारिश, तेज धूप, बर्फबारी, ठंड और परजीवी से बचाने के लिए शैड की आवश्यकता होती है.
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शैड में साफ हवा और पानी की सुविधा होनी चाहिए.
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भोजन के लिए जगह बड़ी और खुली होनी चाहिए.
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पशुओं के व्यर्थ पदार्थ की निकास पाइप 30 से 40 सैं.मी. चौड़ी और 5 से 7 सैं.मी. गहरी होनी चाहिए.
टोडा भैंस के लिए टीके (Vaccines for Toda Buffalo)
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इनके जन्म के 7 से 10 दिनों के बाद इलैक्ट्रीकल ढंग से कटड़े के सींग दागने चाहिए.
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30 दिनों के नियमित अंतराल पर डीवार्मिंग देनी चाहिए.
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इसी तरह 2 से 3 सप्ताह के कटड़े को विषाणु श्वसन टीका दें.
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इसके अलावा क्लोस्ट्रीडायल टीकाकरण 1 से 3 महीने के कटड़े को दें.
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