किसानों के लिए नवजात बछड़े/बछिया किसी धन से कम नहीं होते. इसलिए इनका उचित देखभाल करना बहुत जरूरी है. आपको जानकर हैरानी होगी कि अधिकतर बछड़े/ बछिया तो जन्म लेने के कुछ ही समय बाद ही मर जाते हैं. इससे पशुपालकों को नुकसान होता है. इनके मरने का एक बहुत बड़ा कारण किसानों में जानकारी का अभाव का होना भी है. चलिए आज हम आपको बताते हैं कि कैसे आप उनकी अच्छी देखभाल करके भविष्य के लिए उन्हें अच्छी गाय या भैंस बना सकते हैं.
बछड़े की सफाई है जरूरी
नवजात बछड़े की सफाई जरूरी है. वैसे आम तौर पर पैदा होने के बाद गाय/भैंस अपने बच्चे को खुद ही चाटकर साफ कर देते हैं. लेकिन अगर किसी कारण वो ऐसा नहीं करते हैं, तो आप बछड़े के शरीर पर थोड़ा सा नमक छिड़क सकते हैं. आप देखेंगें कि इसके बाद वो उन्हें चाटना शुरू कर देंगें.
जगह का चुनाव
नवजात बछड़े को रखने के लिए साफ-सुथरी तथा हवादार जगह का चुनाव करें. उसके लिए उचित मात्रा में रोशनी का प्रबंध हो. उसका स्थान नम, गंदा या सीलन भरा नहीं होना चाहिए. इस तरह का स्थान उसके लिए उपयुक्त नहीं है. बछड़े को ठंडी हवा या गर्म हवा से बचाना चाहिए. इस समय गर्मी का मौसम है, ऐसे में कड़ी धूप में उन्हें बाहर नहीं बांधना चाहिए.
पिलाएं खींस
बछड़ों को उसके वजन के अनुसार खींस पर्याप्त मात्रा में पिलाया जाना चाहिए. अगर बछड़ा नवजात है तब तो पैदा होने के दो-तीन घंटे के अंदर ही उसे खींस पिलाना लाभदायक है. दूध की मात्रा बच्चे की वजन के अनुसार 1/10 भाग में होनी चाहिए.
असामान्य लक्षण दिखने पर करें डॉक्टर को फोन
बछड़े में अगर किसी प्रकार का कोई असामान्य लक्षण दिखाई दे, तो तुरंत डॉक्टर को फोन करें. घर में ही देसी उपचार से बचें. ध्यान रहे कि नवजात बछड़े के अंग अति संवेदनशील होते हैं. ऐसे में जरा सी असावधानी महंगी पड़ सकती है.
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