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सर्दी आते ही पोल्ट्री के दामों में इजाफा

सर्दी और त्योहारी मौसम की शुरुआत होते ही पोल्ट्री के दामों में करीब 50 प्रतिशत से ज्यादा का इजाफा देखने को मिल रहा है. इस इजाफे का शुरुआती असर पोल्ट्री से जुड़े सभी उत्पादों में दिखाई दे रहा है जिसके कारण ना केवल चिकन बल्कि अंडे के दामों में भी बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. दरअसल पोल्ट्री के क्षेत्र में कार्य करने वाली एक आनलाइन कंपनी पोल्ट्री बाजार डॉट नेट ने पोल्ट्री से जुड़े डाटा को एकत्र किया है. अगर आंकड़ों पर नज़र डालें तो ये पता चलता है

सर्दी और त्योहारी मौसम की शुरुआत होते ही पोल्ट्री के दामों में करीब 50 प्रतिशत से ज्यादा का इजाफा देखने को मिल रहा है. इस इजाफे का शुरुआती असर पोल्ट्री से जुड़े सभी उत्पादों में दिखाई दे रहा है जिसके कारण ना केवल चिकन बल्कि अंडे के दामों में भी बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. दरअसल पोल्ट्री के क्षेत्र में कार्य करने वाली एक आनलाइन कंपनी पोल्ट्री बाजार डॉट नेट ने पोल्ट्री से जुड़े डाटा को एकत्र किया है. अगर आंकड़ों पर नज़र डालें तो ये पता चलता है कि चिकन के दाम 51 प्रतिशत बढ़कर 98 रूपये प्रति किलो चल रहे हैं जो कि पिछले महीने तक 65 रूपये प्रति किलोग्राम पर थे. इसके साथ ही अंडे के दामों में भी एक निश्चित अवधि तक 20 प्रतिशत तक का इजाफा देखने को मिला है. वर्तमान में अंडों के दाम मैसूर और चैन्नई जैसे शहरों में 4.10 रूपये पर है जो कि बीते महीने 3.40 रूपये के आसपास थे. पोल्ट्री के बढ़ते दामों के बीच विशेषज्ञों का कहना है कि चूंकि पोल्ट्री के दाम पिछले महीने से अभी तक काफी उच्च स्तर पर पहुंच चुके है तो फिलहाल अब ये ज्यादा नहीं बढ़ेंगे.

कम आपूर्ति को कारण बढ़े दाम

पोल्ट्री से जुड़े उत्पाद चिकन और अंडों के उत्पादों में जो बढ़ोतरी दिखाई दे रही है उस पर विशेषज्ञों का मानना है कि ये बढ़ोतरी मांग और आपूर्ति के चलते दिखाई दे रही है. पिछले कुछ दिनों से आपूर्ति में कमी के चलते पोल्ट्री उत्पादों के दामों मे बढ़ोतरी देखने को मिली है जिसका असर कुछ पश्चिमी और दक्षिण के कई राज्यों में देखने को साफ दिखाई दे रहा है. इसका असर यह भी हुआ कि वहां पर कमजोर मांग के कारण कई मुर्गी पालकों ने अपने उत्पादन में भी कटौती कर दी थी.

मुर्गीपालकों को हो रहा नुकसान

पोल्ट्री फेडरेशन अफ इंडिया के अध्यक्ष रमेश खत्री का कहना है कि कमजोर मांग और उत्पादन की बढ़ती लागत के कारण पिछले कुछ महीनों से मुर्गीपालकों को काफी ज्यादा नुकसान भी उठाना पड़ रहा है. इसके अलावा सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्यों में भी बढोतरी कर दी है जिसके कारण उत्पादन लागत पर भी असर पड़ा है. खत्री का कहना यह है कि आपूर्ति की बाहाली इतनी आसानी से संभव नहीं है क्योंकि रातोंरात पक्षियों की संख्या को नहीं बढ़ाया जा सकता है.

किशन अग्रवाल, कृषि जागरण

English Summary: Poultry prices rise as winter arrives Published on: 03 November 2018, 01:45 IST

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