Pandharpuri Buffalo: भारत में गाय के साथ-साथ भैंसों का भी पालन किया जाता है.भैंस के दूध में फैट की मात्रा अधिक होती है. जिस वजह से बाजार में इसकी मांग ज्यादा रहती है. वहीं, डेयरी प्रोडक्ट्स में भी भैंस के दूध का खूब इस्तेमाल किया जाता है. ज्यादा मुनाफे के चलते कई डेयरी पालक और किसान भैंसों का पालन करते हैं. ऐसे में अगर आप भी एक भैंस अपने तबेले में लाने की सोच रहे हैं, तो ये खबर जरूर पढ़ लें. वैसे तो भैंस की सारी प्रजातियां ही एक से बढ़कर एक हैं, लेकिन इस खबर में हम आपको एक ऐसी नस्ल के बारे में बताएंगे जो आपको अच्छा मुनाफा देगी. इस भैंस को अपनी दुग्ध उत्पादन क्षमता के लिए जाना जाता है. जो अन्य भैंसों के मुकाबले ज्यादा दूध देती है.हम बात करें रहे हैं भैंस की पंढरपुरी नस्ल की.
रोजाना 15 लीटर दूध देने की क्षमता
पंढरपुरी भैंस की उत्पत्ति महारष्ट्र के पंढरपुरी क्षेत्र से हुई है. कहते हैं भैंस का नाम पंढरपुर गांव से पड़ा है, जो महाराष्ट्र के सोलापुर जिले में स्थित है. इसे पंधारी, महाराष्ट्र भैंस या धारवाड़ी के नाम से भी जाना जाता है. वैसे तो ये भैंस देश के कई हिस्सों में पाई जाती है, लेकिन महाराष्ट्र में इसका पालन सबसे ज्यादा किया जाता है. यह भैंस महाराष्ट्र के पंढरपुर, पश्चिम सोलापुर, पूर्व सोलापुर ,बार्शी, अक्कलकोट, सांगोला, मंगलवेड़ा, मिराज, कर्वी, शिरोल और रत्नागिरी जैसे जिलों में पाई जाती है. इस नस्ल को उसकी विशेषताओं के लिए जाना जाता है. लेकिन, इसकी सबसे बड़ी विशेषता है इसके दूध देने की क्षमता. ये भैंस रोजाना 15 लटर तक दूध दे सकती है. ऐसे में अगर आप भी इस भैंस को कमाई का एक साधन बनाना चाहते हैं तो सबसे पहले इसकी पहचान, कीमत और खासियतें जान लें. आइए आपको इस भैंस के बारे में विस्तार से बताते हैं.
पंढरपुरी भैंस की पहचान और विशेषताएं (Characteristics of Pandharpuri Buffalo)
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पंढरपुरी भैंल के सींग किसी तलवार की तरह दिखते हैं. इनकी लंबाई 45 से 50 सेंटीमीटर तक होती है. सींग सिर से ऊपर की ओर आते हुए अंदर की तरफ मुड़ जाते हैं.
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इस भैंस का वजन करीब 450 से 470 किलो के बीच होता है.
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पंढरपुरी भैंस हल्के काले रंग या भूरे रंग की होती है. कई पंढरपुरी भैंस में सफेद धब्बे भी देखने को मिल जाते हैं.
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इनके बाल चमकदार और मध्यम साइज के होते हैं.
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इस भैंस का सिर लंबा और पतला होता है. जबकि नाक की हड्डी थोड़ी बड़ी होती है.
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पंढरपुरी भैंस शरीर से कठोर और मजबूत होती है.
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पंढरपुरी भैंस की प्रतिदिन दूध देने की क्षमता औसतन 6 से 7 लीटर होती है. सही रखरखाव मिलने पर ये प्रतिदिन 15 लीटर तक भी दूध देने की क्षमता रखती है.
प्रतियोगिताओं में भी पंढरपुरी भैंस का बोलबाला
महाराष्ट्र में पंढरपुरी भैंस का पालन सिर्फ दूध के लिए नहीं किया जाता. बल्कि कई क्षेत्रों में किसान इन्हें इसलिए भी पालते हैं ताकि वे रेसिंग और बुल फाइटिंग जैसी प्रतियोगिताओं में भाग ले सकें. ये काफी शांत स्वभाव की होती हैं, इसलिए किसान इन्हें आसानी से पाल सकते हैं. इन्हें ज्यादातर ऐसे क्षेत्रों में पाला जाता है जहां गन्ना, ज्वार और धान आसानी से उपलब्ध हो सके. यह इनकी मुख्य खुराक में से एक है. इसकी कीमत की बात करें तो एक पंढरपुरी भैंस की कीमत 50 हजार से 2 लाख रुपये के बीच होती है. यह कीमत क्षेत्र और भैंस के दूध देने की क्षमता पर निर्भर करती है.
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