प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी उत्तर प्रदेश में मथुरा जिले से पशुओं की पैर और मुंह की बीमारी (एफएमडी) और ब्रुसेलोसिस में बीमारियों को नियंत्रित करने के लिए 11 सितंबर 2019 को करीब 13,500 करोड़ रुपये की केंद्रीय योजना का शुभारंभ करेंगे. मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री गिरिराज सिंह ने मीडिया को बताया कि "प्रधानमंत्री इस कार्यक्रम का शुभारंभ करेंगे’’.
इसमें करीब 13,500 करोड़ रुपये की टीकाकरण योजना की मदद से अगले 5 वर्षों में FMD के साथ-साथ ब्रुसेलोसिस बीमारियों को भी मिटा दिया जाएगा. मंत्री ने कहा कि निर्यात में सुधार के लिए इन बीमारियों को समाप्त करने की आवश्यकता है. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस साल मई में आयोजित अपनी पहली बैठक में मौजूदा योजना के तहत 13,343 करोड़ रुपये की पूरी लागत वहन करने का फैसला किया था, जोकि अगले 5 वर्षों में मवेशियों की बीमारियों, खासकर ब्रुसेलोसिस और एफएमडी को नियंत्रित करने का प्रयास कर रहें है.
केंद्र और राज्य सरकारें पहले 60:40 के अनुपात में धन का योगदान करती थीं. एफएमडी और ब्रुसेलोसिस रोग पशुओं में बहुत आम हैं जिनमें गाय, भैंस, बैल, भेड़, बकरी और सूअर शामिल हैं. यह योजना 30 करोड़ गोजातीय (गाय-बैल और भैंस) और 20 करोड़ भेड़ या बकरी और 10 करोड़ सूअरों के टीकाकरण कवरेज को लागू करती है. अगर कोई भैंस या गाय एफएमडी से संक्रमित हो जाता है, तो दूध का नुकसान 100 प्रतिशत तक हो जाता है जो 4 से 6 महीने तक रह सकता है. ब्रुसेलोसिस में, पशु के पूरे जीवन चक्र के दौरान दूध का उत्पादन 30 प्रतिशत कम हो जाता है और बांझपन का कारण बनता है. यह संक्रमण खेत, मजदूरों और पशुपालकों तक भी फैल सकता है.
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